जंक फूड से मोटापे का शिकार हो रहा बचपन
हम सभी जानते हैं कि बाजारों में आसानी से उपलब्ध जंक फूड हमारे शरीर के लिए कितना हानिकारक है, लेकिन अफसोस कि सब जानते हुए भी आज हम खुद को और अपने बच्चों को इससे दूर नहीं कर पा रहे हैं। यही कारण है कि बच्चे कई तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। इनमें एक मोटापा भी है, जो बहुत तेजी से बच्चों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है।
चाहे अनचाहे स्कूल प्रबंधन और बच्चों के अभिभावक मासूमों को बीमार कर रहे हैं। बढ़ते जंक फूड का चलन बच्चों के लिए घातक होता जा रहा है। बच्चों में फास्ट फूड का चलन इस कदर बढ़ गया है कि बच्चे न सिर्फ बाहर बल्कि घर में भी फास्ट फूड ही पसंद करते हैं। इसकी वजह से वह न सिर्फ पौष्टिक आहार से दूर हो रहे हैं, बल्कि बीमार भी हो रहे हैं।
स्कूलों की कैंटीनों में पौष्टिक आहार से ज्यादा फास्ट फूड दिखाई देते हैं। अभिभावक भी कई बार लापरवाही कर बच्चों को फास्ट फूड की लत लगा देते हैं। नतीजतन बच्चों में मोटापे की समस्या बढ़ती दिखाई दे रही है।
बच्चों में जंक फूड के बढ़ते चलन पर उत्तराखंड महिला एसोसिएशन (उमा) की ओर से राजधानी देहरादून में एक सर्वे किया गया। जिसमें चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। शहरभर के स्कूली बच्चों पर किए गए इस सर्वे में हर पांचवा बच्चा मोटापे से ग्रसित मिला। सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 2000 बच्चों पर सर्वे किया गया है।
संस्था की अध्यक्ष साधना शर्मा का कहना है कि फास्ट फूड किसी भी तरह से स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं हो सकता है। इसमें कोई भी पोषक तत्व नहीं होते। फास्ट फूड यानी जंक फूड को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई तरह के रसायन का प्रयोग किया जाता है, जो नई-नई बीमारियों को जन्म देते हैं। जंक फूड खाने से आपका मोटापा तेजी से बढ़ने लगता है।
इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और इससे वजन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय की डायटीशियन ऋचा कुकरेती के अनुसार यदि आप निरंतर बाजार में मिलने वाले जंक फूड को खाते हैं तो ये बढ़ते वजन का कारण बन सकता है। इससे न सिर्फ विभिन्न तरह की बीमारियां होती हैं, बल्कि यह आपकी काया को बदल देता है।
ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को हेल्दी खाना दें। ज्यादातर अभिभावक बच्चे पर ध्यान नहीं दे पाते है कि वे क्या खा रहे हैं। बच्चे अक्सर जंक फूड खाते हैं जिससे उनका वजन तेजी से बढ़ रहा है। यह भी जान लीजिए कि मोटापा कई अन्य बीमारियां भी साथ लाता है।
बीएमआइ है संकेतक
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार मोटापे का सबसे सटीक संकेतक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) है। इससे पता चलता है कि मोटापा किस स्तर का है। बीएमआइ की गणना करने के लिए किलोग्राम में वजन को मीटर में ऊंचाई से भाग दिया जाता है। 18.5 से 25 के बीच का बीएमआइ सामान्य माना जाता है। 25 से 30 से बीच का बीएमआइ सामान्य से अधिक वजन का प्रतीक है। जबकि, 30 से अधिक बीएमआइ मोटापे को इंगित करता है।
…बस तीन दिन हैं बाकी
क्या आपके पास भी ऐसी कोई रेसिपी है जो बच्चों की जरूरत के हिसाब से पोषण भी प्रदान करे और साथ ही स्वाद में भी मजेदार हो। आप अपनी यह रेसिपी हमारे साथ शेयर कर सकती हैं। अपनी रेसिपी हमें दैनिक जागरण कार्यालय, 918/922 इंडस्ट्रियल एरिया, पटेलनगर पर दस फरवरी तक भेज सकती हैं। या रेसिपी 7080102046 पर व्हाट्सएप कर सकती हैं। इसमें अपना नाम, पता व मोबाइल नंबर लिखना ना भूलें। बेस्ट रेसिपी को दैनिक जागरण की ओर से पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।