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INLD ने किया जिलाध्यक्ष किया नियुक्त जानिये किसे सौंपी है जिम्मेदारी ?

इनेलो संगठन को सुदृढ़ करने एवं कार्यकर्ताओं से हलकास्तर पर विचारविमर्श करने के लिए चौधरी अभय सिंह चौटाला एवं प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी ने 7 फरवरी से 18 फरवरी तक हलकास्तरीय कार्यक्रमों में कार्यकर्ताओं से मिलकर पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए एवं जननायक चौधरी देवी लाल जी की नीतियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कार्यक्रम शुरू किए हैं। इसी श्रेणी में संगठन को और ज्यादा मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ओमप्रकाश चौटाला से विचारविमर्श उपरांत राजपाल माजरा सरपंच गांव माजरा, जिला कैथल को जिले का अध्यक्ष बनाया गया है और अशोक कुमार कौशिक को सोनीपत जिले के राई हलके का हलका प्रधान नियुक्त किया है।
इनेलो नेताओं ने पलवल जिले के होडल, पलवल और हथीन हलकों की बैठकें लेते हुए गठबंधन की सरकार द्वारा पेश किया गया 100 दिन के लेखे-जोखे के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री महोदय की विपक्ष के बारे में जो टिप्पणियां की गई हैं वह निंदनीय है क्योंकि उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास अब कोई काम नहीं और हमने उसको बेरोजगार कर दिया है। इसके साथ उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास बगैर किसी मकसद के टिका-टिप्पणी के और कुछ भी नहीं है। इनेलो नेता ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का बहुत अहम् रोल होता है, अगर सरकार आम आदमी की भलाई के लिए कार्य न करे और लोगों को जुमले सुनाकर अपने कार्यकाल पूरा करे तो विपक्ष का फर्ज बनता है कि सरकार में जो कमियां हैं, उनको उजागर करके आम आदमी के हित के कार्यों के लिए उपयुक्त सुझाव दे।
इनेलो नेता ने कहा कि हम तो सोचते थे कि भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में भाजपा नेताओं ने पांच वर्ष में केवल जुमले सुनाकर ही समय पास किया और आम आदमी बार-बार सोचता रहा कि पता नहीं उसके खाते में कब 15 लाख रुपए जमा हो जाएं। किसान सोचता था कि चुनाव में किए गए वायदों के अनुसार भाजपा सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करके किसानों की दुगुनी आय करने का वादा पूरा करेगी परंतु भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह कहना कि ऐसे वायदे तो केवल जुमले होते हैं, ऐसी बात सुनकर बड़ा अजीब लगता है कि केंद्र व प्रदेश की सरकार पिछले पांच वर्षों में न तो किसानों के लिए, न ही व्यापारियों और युवाओं आदि के लिए अपनी किए गए वायदे पूरे करने के लिए तत्पर थी।
इनेलो नेता ने कहा कि बड़े अफसोस की बात है कि सरकार के दूसरे कार्यकाल में जजपा के सहयोग से बनाए जाने से लगता था कि शायद अब पहले से ज्यादा मैनिफेस्टो में किए गए वायदों को पूरा करने की दोनों पार्टियां कोशिश करेंगी परंतु संगठन के सहयोगी जजपा के साथी तो भाजपा के जुमलों से भी ज्यादा जुमलाबाज निकले जिन्होंने चुनाव के दौरान लोगों को बड़े सब्जबाग दिखाकर वोट लेने का काम किया। इस हालात में बड़ा अजीब लगता है कि इन 100 दिनों में न ही तो भाजपा ने और न ही जजपा ने चुनाव के दौरान किए गए वायदों में से कोई भी वायदा पूरा नहीं किया और 100 दिनों का लेखाजोखा पेश करने के पश्चात ऐसा लगा कि संगठन की सरकार अभी तक भी पिछले कार्यकाल के तौरतरीकों पर ही चल रही है जिसको आम आदमी के लिए न ही तो रोजगार एवं अन्य समस्याओं की कोई चिंता है।

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