Haryana के छोरे ने पूरी दुनिया में रचा इतिहास देखिये
हरियाणा के 24 वर्षीय मुक्केबाज ने पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है। अमित पंघाल ने महज 24 वर्ष की उम्र में शीर्ष वैश्विक रैंकिंग में मुक्केबाजी में पहला स्थान हासिल कर लिया है। मुक्केबाज अमित पंघाल को ओलंपिक खेलों से पहले ही बड़ा इनाम मिला है। विश्व चैंपियनशिप में अमित ने रजत पदक हासिल किया है। 52 किलो भार वर्ग में अमित पंघाल को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति मुक्केबाजी ने अगले महीने होने वाले ओलंपिक क्वालीफायर से पहले ही नंबर एक की रैकिंग दे दी है।
आपको बताते चले कि साल 2009 में ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता विजेंदर सिंह शीर्ष रैकिंग हासिल करने वाले पहले भारतीय बने थे, करीब एक दशक बाद अब अमित पंघाल ने यह रिकोर्ड तोड़ा है। यह रैंकिंग पहले एआईबीए जारी करता था, लेकिन एआईबीए फिलहाल कार्य नहीं कर रहा है। इसी कारण स्पेशल बॉक्सिंग टास्क फोर्स बनाई गई है, जिन्होंने यह रैंकिंग जारी की है।
अमित पंघाल ने इस उपलब्धि पर कहा कि मुझे बहुत खुशी है। में वर्ल्ड में नंबर वन बॉक्सर चुना गया हूं। यह मेरे लिए काफी मायने रखती है, क्योंकि इससे एक खिलाड़ी का मनोबल बढ़ता है। हर खिलाड़ी का सपना होता है कि उसकी वजह से देश का नाम रोशन हो। अमित के चाचा राजनारायण पंघाल ने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए गर्व का क्षण है। अमित को नंबर वन रैंकिंग मिलने के बाद पूरा परिवार बहुत खुश है।
पंघाल 420 अंक के साथ शीर्ष पर हैं। वहीं दूसरे नंबर पर उज्बेकिस्तान के शाखोबिदिन्न को 300 अंक मिले हैं। अमित को यह अंक उनके अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट्स में परफॉर्मेंस व पदक के लिहाज से मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि अमित पंघाल अपने भार वर्ग में अन्य खिलाड़ियों से कितने आगे चल रहे है। पंघाल 2017 से बेहतरीन फार्म में चल रहे हैं। उन्होंने 2018 में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीते।
पिछले साल वह एशियाई प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने के बाद विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। अमित की उपलब्धियां- राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2017 स्वर्ण। एशियन चैंपियनशिप 2017 में कांस्य। राष्ट्रमंडल खेल 2018 में रजत। 2018 एशियाई खेलों में गोल्ड। एशियन चैंपियनशिप 2019 रजत। वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप 2019 रजत। स्ट्रांदजा मेमोरियल में लगातार दो बार स्वर्ण।
बॉक्सर अमित पंघाल हरियाणा के रोहतक जिले में मायना गांव के रहने वाले हैं। इनका जन्म 16 अक्तूबर 1995 में हुआ और मात्र 22 साल की उम्र में ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट को हराकर इस खिलाड़ी ने साबित कर दिया था कि भारतीय हार नहीं मानने वाले, लक्ष्य निर्धारित हो तो जीतने से कोई नहीं रोक सकता। अमित पंघाल मार्च 2018 से भारतीय सेना में जेसीओ के पद पर कार्यरत हैं। पिता विजेंदर सिंह पेशे से किसान हैं। उनके बड़े भाई अजय भी भारतीय सेना में कार्यरत हैं।