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500 करोड़ की लागत से बिछेगी ये रेलवे लाइन हरियाणा में

प्रदेश में पलवल से सोनीपत के बीच केएमपी के साथ नई रेलवे लाइन के लिए 5566 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है। रेलवे व हरियाणा सरकार से मंजूरी मिलने के बाद डीपीआर संसद की सीसीइए कमेटी को स्वीकृति के लिए भेजी गई है। इसके साथ-साथ जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई है। जमीन चिन्हित करके पिलर लगा दिए गए हैं। भूमि अधिग्रहण अधिकारियों का गजट नोटिफिकेशन होते ही अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। हरियाणा आर्बिटल रेल कॉरिडोर के नाम से बनने वाले इस प्रोजेक्ट को तीन साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। डीपीआर के अनुसार यहां पर 2023-24 में रेल चलाने का लक्ष्य रखा गया है। सोनीपत से न्यू पलवल के बीच डबल रेल लाइन पूरी तरह बिजली पर आधारित होगी।

आपको बता दें कि यह रेल मार्ग राज्य के सभी प्रमुख औद्योगिक शहरों को जोड़ने वाला होगा। इसके 3 साल में पूरा होने की उम्मीद है। यह दिल्ली से पलवल और सोनीपत के बीच सीधी रेल कनेक्टिविटी और असावटी (दिल्ली-मथुरा मार्ग पर), पाटली (दिल्ली-रेवाड़ी मार्ग पर), आसौदा (दिल्ली-रोहतक मार्ग पर) और हरसाना कलां (दिल्ली-अंबाला मार्ग) को जोड़ने का काम करेगा। वहीं हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट एक ज्वाइंट वेंचर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें भारतीय रेलवे, हरियाणा सरकार, एचआरआइडीसी, कॉनकोर, डेडीकेटिड फ्रेट कॉरिडोर, एचएसआइआइडीसी, मारुति सुजुकी, मॉडल इकोनॉमिक टाउनशिप लिमिटेड (रिलासंय एसइजेड), ऑलकार्गो और अन्य को इसकी लागत वहन करनी होगी।

बता दें कि इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन को चिन्हित कर लिया गया है। साथ ही पिलर भी लगा दिए गए हैं। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भूमि अधिग्रहण अधिकारियों की नियुक्ति होते ही बहुत जल्द जमीन के अधिग्रहण का गजट नोटिफिकेशन कर दिया जाएगा। वहीं इस रेल मार्ग पर यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ी भी चलेंगी, जो सीधे गुरुग्राम के क्षेत्र को दिल्ली के बाहर से राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से जोड़ेंगी। यह मार्ग यात्रा के समय को कम करेगा। दिल्ली को बाईपास करते हुए इस रेल मार्ग पर शताब्दी, सुपरफास्ट एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें चलेंगी ताकि राज्य के लोगों को तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा प्रदान की जा सके। इसके अलावा यह परियोजना गुरुग्राम या फरीदाबाद से राज्य के विभिन्न हिस्सों में ट्रेनों को चलाने की सुविधा प्रदान करेगी।4. इस परियोजना से दिल्ली में भारी वाहनों का लोड कम होगा। हरियाणा के एनसीआर क्षेत्र में मल्टीमॉडल हब विकसित करने में मदद मिलेगी। यह राज्य के अनछुए क्षेत्रों में प्रगति के द्वार खोलेगा, जिससे राज्य की आर्थिक और सामाजिक गतिविधि बढ़ेगी

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