मुन्ना बजरंगी की हत्या की सीबीआई जांच हो
प्रयागराज । बागपत जिला जेल में कुख्यात माफिया प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की हत्या की सीबीआई जांच होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुन्ना बजरंगी हत्याकांड का सीबीआई से जांच कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही 20 अप्रैल को इस मामले में जांच की स्टेटस रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया गया है।
प्रयागराज में जस्टिस राजीव अग्रवाल और जस्टिस राजीव मिश्र की बेंच ने यह निर्देश मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह की याचिका पर दिया है। बागपत जिला जेल में नौ जुलाई 2018 को मुन्ना बजरंगी की हत्या की गई थी। हत्या के बाद से ही सीबीएआई जांच की मांग शुरू हो गई थी। मुन्ना बजरंगी को झांसी से बागपत जेल शिफ्ट किया गया था। जहां पर शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने इस मामले में 20 अप्रैल को जाँच की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।
प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी। उसे झांसी से बागपत लाया गया था। यहां पेशी से पहले ही जेल के अंदर उसे गोली मार दी गई। इस मामले में सात लाख के इनामी बदमाश सुपारी किलर रह चुका सुनील राठी को मुन्ना बजरंगी की हत्या में आरोपी बनाया गया है। सुनील राठी उसी जेल में निरुद्ध था।
कोर्ट ने कहा है कि झांसी से बागपत तबादले एवं उसी दिन जेल में पिस्तौल आने के पीछे की गहरी साजिश में जेल में तैनात अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाय। इसके साथ ही पिस्टल को बैलिस्टिक जांच कर हत्या में प्रयुक्त पिस्टल की पहचान की पुष्टि भी की जाय। माफिया मुख्तार अंसारी के गैंग के शार्प शूटर मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने हत्या की साजिश की सीबीआई जांच की मांग की थी। उसका आरोप था कि हत्या के लिए ही एक जेल से दूसरे जेल लाया गया। इस साजिश का पर्दाफाश किया जाय। शासन ने जेल अधिकारियों को निलंबित कर घटना पर पर्दा डालने की कोशिश की है।
नौ जुलाई 2018 को हुई थी हत्या
करीब डेढ़ साल पहले नौ जुलाई को बागपत जेल में पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी, लेकिन अभी तक हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मुन्ना बजरंगी को पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित के केस के मामले में झांसी जेल से पेशी पर लाया गया था। रातभर सुनील राठी के साथ रहने वाले मुन्ना बजरंगी को नौ जुलाई की सुबह गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया गया था। इस मामले में तत्कालीन जेलर यूपी सिंह सहित तीन कर्मचारियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है। शासन स्तर से तत्कालीन जेलर यूपी सिंह और दो कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है। मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज थे।