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शुक्रवार को जीडीपी ग्रोथ रेट के आंकड़े जारी होंगे

नई दिल्ली. दिसंबर में समाप्त तिमाही के जीडीपी के आंकड़े सरकार शुक्रवार को जारी करेगी। ग्रोथ रेट बढ़ाने के लिए पिछले कुछ समय से सरकार कई कदम उठा रही है, इसके बावजूद अधिकतर विशेषज्ञों का अनुमान है कि ग्रोथ रेट 5% के आस-पास ही रहेगी। उनका अनुमान है कि चौथी तिमाही में भी ग्रोथ रेट कम रह सकती है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है। नोमुरा के विशेषज्ञों का अनुमान है कि 2019 की चौथी तिमाही में ग्रोथ रेट 4.5% से गिरकर 4.3% पर आ सकती है। आरबीआई ने भी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए विकास दर 6 फीसदी पर रहने का अनुमान जताया है। अगले वित्त वर्ष की पहले छह महीने के दौरान ग्रोथ रेट 5.5-6.0 के बीच रहने का अनुमान है। इस महीने हुई मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने ग्रोथ रेट 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।

केयर रेटिंग
सरकार और आरबीआई द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद दिसंबर 2019 में प्रमुख इंडीकेटर में खास ग्रोथ देखने को नहीं मिल रही है। कोरोना वायरस के संक्रमण का असर कई सेक्टर में देखने को मिल सकता है। एजेंसी का अनुमान है कि वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जीवीए आधार पर ग्रोथ रेट 4.3% और जीडीपी ग्रोथ रेट 4.5% रह सकती है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.6% थी।

एसबीआई, इकोनॉमिक रिसर्च डिपार्टमेंट
बैंक का कहना है कि प्रमुख इंडीकेटर के आधार पर तीसरी तिमाही में ग्रोथ रेट 4.5% रह सकती है। वित्त वर्ष की पहली तिमाही में बैंक के 33 हाई फ्रीक्वेंसी इंडीकेटर में 65% की तेजी थी जो तीसरी तिमाही में 22% पर रह गई है। बैंक का अनुमान है कि सरकारी भुगतान में सुस्ती आने से वित्त वर्ष में जीवीए और जीडीपी में अंतर और बढ़ सकता है।

बार्कलेज
बार्कलेज का कहना है कि लगातार 6 तिमाही में ग्रोथ रेट गिरने के बाद इस तिमाही में आर्थिक ग्रोथ बढ़ने का अनुमान है। अधिक बारिश के बावजूद फसल उत्पादन बढ़ सकता है, माइनिंग और उससे जुड़े क्षेत्रों में सुधार के साथ कॉरपोरेट टैक्स में कटौती का लाभ मिलेगा। निजी उपभोग में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन सरकारी खर्च बढ़ने से सहायता मिलेगी। कुल मिलाकर बार्कलेज का अनुमान है कि आउटपुट के निगेटिव होने के बावजूद तिमाही में ग्रोथ रेट 5 फीसदी रह सकती है जो आरबीआई के 4.9% के अनुमान से ज्यादा है।

नोमुरा
नोमुरा का अनुमान है कि निकट भविष्य में जीडीपी ग्रोथ में ज्यादा सुधार आने की गुंजाइश नहीं है। तीसरी तिमाही में ग्रोथ रेट 4.3% रह सकती है जो इससे पहले की तिमाही में 4.5% थी। साल-दर-साल के आधार पर ग्रोथ रेट 5.7% रहने का अनुमान है, यह आरबीआई के 6 फीसदी के अनुमान से कम है। कोरोना वायरस के संक्रमण का भी असर अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है।

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