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इनेलो नेता ने कहा कि सरकार को बच्चों के भविष्य के बारे कोई सार्थक सोच नहीं है

Chandigarh :  विधानसभा के बजट सत्र में हिस्सा लेते हुए इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा-जजपा की सरकार विपक्ष द्वारा दिए गए सार्थक सुझावों को गंभीरता से नहीं ले रही और जो सुझाव दिए जाते हैं उनको नजरअंदाज किया जाता है। इनेलो नेता ने बजट में अनेक मुद्दों पर बोलने के साथ शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार को बच्चों के भविष्य के बारे कोई सार्थक सोच नहीं है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगाने वाली सरकार के शासनकाल में  शिक्षा का आधार कानून बनने के दस वर्षों पश्चात भी 15 से 18 वर्ष की 40 प्रतिशत किशोर बच्चियां स्कूल जाने से वंचित हैं। शिक्षा विभाग में एक तिहाई पद खाली पड़े हैं जिनकी वजह से बच्चे गुणवत्ता शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।

इनेलो नेता ने कहा कि सरकार ने शिक्षा के लिए बजट में 15 प्रतिशत राशि की बढ़ौतरी का प्रावधान तो किया है परंतु जो वायदे किए हैं कि हर 15 किलोमीटर की दूरी पर एक लड़कियों के लिए कॉलेज बनाया जाएगा, हर ब्लॉक स्तर पर एक संस्कृत विद्यालय खोला जाएगा, सभी स्कूलों में बुनियादी सहूलियतें उपलब्ध करवाई जाएंगी परंतु प्रस्तावित राशि से इन घोषणाओं का पूरा होना असंभव लगता है। भाजपा-जजपा ने चुनाव के दौरान शिक्षा को लेकर अनेक लुभावने वायदे तो किए हैं परंतु बजट में प्रस्तावित राशि का उचित प्रावधान नहीं किया।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही शिक्षा के अभाव के कारण शिक्षा के स्तर मेंं नींव कमजोर है। केरल में शिक्षा मद में प्रति बच्चा लगभग 12 हजार रुपए प्रति वर्ष खर्च किया जाता है जिसकी वजह से प्रदेश में शत-प्रतिशत जनसंख्या पढ़ी-लिखी है। सरकार ने 1050 स्कूल बंद करने के आदेश पर प्राइमरी शिक्षकों ने धरना देकर शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा ताकि गरीब बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने से बचाया जा सके।
इनेलो नेता ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि 562 निजी स्कूलों ने जुर्माने की राशि स्कूल शिक्षा बोर्ड में जमा नहीं करवाई जिसकी वजह से बोर्ड ने 50 हजार शिक्षार्थियों के एडमिट कार्ड रोककर शिक्षा विरोधी सोच का परिचय दिया है। अनुसूचित जाति के बच्चों को छात्रवृत्ति न देकर अधिकारियों ने लगभग 40 करोड़ से ज्यादा राशि का घोटाला किया है। इन्हीं कारणों की वजह से शिक्षा का स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है।
इनेलो नेता ने कहा कि चर्चा के दौरान उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया कि कोरोना वायरस की दवाइयों के साल्ट का स्टॉक केवल अप्रैल माह तक का उपलब्ध है। इसके पश्चात इस साल्ट को अगर अमेरिका वगैरह से मंगवाया जाएगा तो उसकी कीमत चाइना के मुकाबले में लगभग 100 प्रतिशत ज्यादा होगी जिसकी वजह से दवाइयों के रेट आसमान को छुएंगे। सरकार के पास इस समस्या का क्या समाधान है जिस पर स्वास्थ्य मंत्री का उत्तर असंतोषजनक था जिससे लगता है कि सरकार ने इस बारे में कोई सार्थक योजना तैयार की गई है। इसलिए सरकार बजट पर की जाने वाली चर्चा को गंभीरता से नहीं ले रही और जो विपक्ष सरकारी कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सुझाव दे रहा है उनके अनुरूप कार्यप्रणाली को सुधारने की सरकार की कोई सकारात्मक मंशा नहीं झलकती।

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