जब बैंक मैनेजर और स्टाफ ही मिलकर फ्रॉड कर दे तो आप क्या करेंगे ।
कभी आपके साथ एटीएम बदलकर तो कभी ओटीपी पूछकर हुई धोखाधड़ी की शिकायत आप बैंक में कर देते हैं। लेकिन जब बैंक मैनेजर और स्टाफ ही मिलकर फ्रॉड कर दे तो आप क्या करेंगे।
ऐसा ही हुआ है आजाद नगर थाने में एएसआई के पद पर तैनात मीरा देवी के साथ। उसके अकाउंट से 1 लाख 26 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर पैसा दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस कर्मचारी को जब इस बात का पता चला तो बैंक से उसे वापस करने की गुजारिश की। बैंक अधिकारियों ने लोन का पैसा काटने की बात कही। अब एएसआई ने एचडीएफसी बैंक मैनेजर सचिन गुप्ता, एचडीएफसी बैंक के कैशियर हेड और अन्य कर्मचारियों पर मामला दर्ज करवाया है।
पुलिस को दी शिकायत में मीरा देवी ने कहा कि वह हिसार में 2009 से तैनात है। उसका एचडीएफसी बैंक में 2012 से सैलरी अकाउंट है। मीरा ने बताया कि उसके अकाउंट से 20 जनवरी को 89 हजार 824 रुपये और 21 जनवरी को 36 हजार 270 रुपये खाते से काट लिए। बैंक मैनेजर से पूछने पर उसने 27 जून 2016 को लिए गए तीन लाख रुपये के ऑनलाइन पर्सनल लोन की किस्त नहीं भरने पर पैसा काटने की बात कही। उस लोन की राशि अब पांच लाख 77 हजार रुपये बनती है।
मीरा ने शिकायत कहा कि उसने 20 मई 2014 को पर्सनल लोन ऑफलाइन लिया था। उसने पांच मई 2017 तक सभी किस्त अदा कर दी थी। उसने कोई भी ऑनलाइन पर्सनल लोन नहीं लिया न ही अप्लाई किया। आरोप है कि बैंक मैनेजर ने उसे जिंदल चौक ब्रांच में भेजा। बाद में वहां ठोस उत्तर उसको नहीं मिला। मीरा ने जब डिटेल निकलवाई तो पता चला कि उसका पैसा मीरा नाम की एक महिला के अकाउंट में ट्रांसफर हुआ है। बैंक अधिकारियों के चक्कर लगाने के बावजूद पैसा वापस नहीं मिलने पर अब मीरा ने मामला दर्ज करवाया है।