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बच्चों के लिए क्यों बुरी है कॉफी?

हर मां-बाप चाहते हैं कि वो अपने बच्चे के पौष्टिक और हेल्दी चीजें खिलाएं। लेकिन बच्चे जब थोड़ा बड़े हो जाते हैं और टीनएज की तरफ बढ़ना शुरू होते हैं, तो खाने-पीने के मामले में उनके कई तरह के नखरे शुरू हो जाते हैं। अक्सर मां-बाप बच्चों को इस उम्र में ये समझाने की कोशिश करते हैं कि जंक फूड्स और कॉफी का सेवन उनके लिए सही नहीं है, मगर बच्चे मानते नहीं हैं और वे इन्हीं चीजों की जिद करते हैं। कॉफी को दूध या चाय की अपेक्षा ज्यादा स्ट्रॉन्ग ड्रिंक माना जाता है, इसलिए अक्सर मां-बाप को हिदायत दी जाती है कि छोटे बच्चों को कॉफी से दूर रखें। लेकिन ऐसा संभव नहीं है कि आप हमेशा अपने बच्चों को कॉफी से दूर रख पाएं। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि बच्चों को कॉफी देने की सही उम्र क्या है और उन्हें कितनी मात्रा में कॉफी दी जा सकती है।

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बच्चों के लिए क्यों बुरी है कॉफी?

दुनियाभर के एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कॉफी का सेवन छोटे बच्चों के लिए बुरा है। दरअसल कॉफी में एक खास तत्व होता है, जिसे ‘कैफीन’ के नाम से जाना जाता है। ये कैफीन एक तरह के ‘उत्तेजक’ का काम करता है। अगर कोई व्यक्ति ज्यादा मात्रा में कैफीन का सेवन करता है, तो उसे अनिद्रा (इन्सोम्निया), पेट की गड़बड़ी, सिर दर्द, एकाग्रता में कमी और दिल की धड़कन बढ़ने जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।

 

छोटे बच्चों को थोड़ी मात्रा में भी कॉफी देने पर ये लक्षण ज्यादा खतरनाक तरीके से हावी हो सकते हैं, खासकर तब जब बच्चे को पहले से ही कोई जन्मजात समस्या हो। इसके अलावा एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि जन्म से 16-18 साल तक की उम्र बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास की उम्र होती है। ऐसे में अगर बच्चे ज्यादा कॉफी का सेवन करते हैं, तो इसमें मौजूद कैफीन के कारण शरीर में कैल्शियम को अवशोषित होने में मुश्किल आती है, जिससे बच्चों की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और शरीर का विकास भी रुक सकता है। यही नहीं, कॉफी में डाले जाने वाले दूध, क्रीम और चीनी का भी बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए छोटे बच्चों को कैफीन के सेवन से रोकना चाहिए।

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कॉफी के अलावा भी हैं ‘कैफीन’ के अन्य स्रोत

बच्चों को कॉफी पीने से रोकने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए कि कॉफी स्वयं में सेहत के लिए बुरी नहीं है। दरअसल कॉफी में मौजूद कैफीन के कारण इसे बच्चों की सेहत के लिए बुरा समझा जाता है। मगर यदि आपका बच्चा कॉफी नहीं भी पीता है, तो अन्य पॉपुलर ड्रिंक्स जैसे- सोडा, कोल्ड ड्रिंक, फिजी ड्रिंक्स, आइस टी, फ्लेवर्ड फ्रूट ड्रिंक्स आदि में भी कैफीन होता है, जिसके कारण आप कैफीन के सेवन से बच्चों को नहीं रोक सकते हैं। यहां तक कि बच्चों की पसंदीदा चॉकलेट शेक्स और चॉकलेट मिल्क में भी अच्छी मात्रा में कैफीन होता है। इसलिए कोशिश करें कि छोटे बच्चों को सिर्फ दूध और नैचुरल चीजें ही खिलाएं।

 

किस उम्र में दे सकते हैं कॉफी

डॉक्टर्स मानते हैं कि 8 साल की उम्र के बाद बहुत थोड़ी मात्रा में (1 कप लाइट कॉफी) बच्चों को कॉफी दी जा सकती है, मगर बेहतर होगा कि बच्चों को 16 साल की उम्र तक कॉफी से दूर रखा जाए। कॉफी का ज्यादा मात्रा में सेवन किसी भी उम्र में नहीं करना चाहिए क्योंकि ज्यादा कैफीन हर किसी की सेहत के लिए बुरा है। रिसर्च बताती हैं कि वयस्कों को एक दिन में 3-4 कप से ज्यादा कॉफी नहीं पीना चाहिए। इसलिए अगर आप अपने बच्चों को कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, फ्लेवर्ड फ्रूट ड्रिंक्स और सोडा आदि के सेवन से रोक पाएं, तो ये उनकी सेहत और शारीरिक विकास के लिए बहुत अच्छी बात होगी।

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