ब्रिटेन की अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी की पांचवीं बार जमानत याचिका खारिज कर दी है।

ब्रिटेन की एक अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी की पांचवीं बार जमानत याचिका खारिज कर दी है। 14 हजार करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले के आरोपित भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी को फिलहाल ब्रिटेन की जेल में ही रहना होगा। भारत ने पीएनबी घोटाले और मनी लांड्रिंग मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की मांग की है।

वही, वृहनमुंबई नगर निगम (BMC) ने 9.5 करोड़ रुपये की संपत्ति कर की वसूली के लिए नीरव मोदी की चार में से तीन संपत्तियां कुर्क कर ली हैं।  प्रवर्तन निदेशालय (ED) नीरव मोदी की चार में से तीन संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया में हैं। इनमें तीन वाणिज्यिक और एक आवासीय संपत्ति है। बीएमसी ने प्रवर्तन निदेशालय से पत्र लिखकर संपत्ति कर के बकायों का भुगतान जल्द से जल्द करने को कहा है।

बत दें कि कि पिछले साल नवंबर में नीरव ने जेल में बंद संदिग्ध आतंकियों और अपनी मानसिक हालत का हवाला देते हुए कोर्ट से घर में ही नरजबंद किए जाने की मांग की थी। उसकी अर्जी को चीफ मजिस्ट्रेट एम्मा अर्बथनॉट ने यह कहते हुए ठुकरा दी थी कि इससे गवाह प्रभावित किए जा सकते हैं और वह फरार भी हो सकता है। इससे ट्रायल प्रभावित होगा। नीरव मोदी को मार्च 2019 में लंदन में गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में बंद है।

गौरतलब है कि नीरव मोदी को गत वर्ष 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वह तब से वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। प्रत्यर्पण की कार्यवाही में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाली ब्रिटेन की क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विस (सीपीएस) ने कहा था कि किसी भी उच्च न्यायालय में जमानत के लिए अपील की कोई गुंजाइश नहीं बची है। कारण है कि ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने पहले ही नीरव मोदी की जमानत याचिका खारिज कर दी है। लगातार सुनवाई के दौरान ब्रिटेन के कोर्ट को बताया गया है कि नीरव मोदी पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपित है।

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