हिंसा में SIT के हत्थे चढ़ा मोहम्मद शाहनवाज

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पिछले दिनों 24-25 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (Special Investigation Team) मोहम्मद शाहनवाज नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। इस SIT टीम का नेतृत्व राजेश देव कर रहे हैं।

बता दें कि गोकुलपुरी थाना क्षेत्र में दिलबर नेगी (27) की हत्या को लेकर मामला दर्ज किया गया था। अनिल स्वीट हाउस (ब्रजपुरी) में 26 फरवरी को दिलबर का शव विकृत हालत में मिला था। दिलबर अनिल स्वीट हाउस में वेटर था।  यहां पर हिंसा के दौरान स्वीट हाउस में बुरी तरह तोड़फोड़ की गई थी।

आरोप है कि शाह नवाज  और कुछ अन्य लोगों ने दुकानों पर पथराव करने के साथ तोड़फोड़ और आगजनी की थी। इस दौरान शाहनवाज एक दुकान में घुसा था। 26 फरवरी को इस दुकान से जली हालत में शव मिला था, जिसकी पहचान दिलबर नेगी के रूप में हुई थी।

लंबी चलेगी जांच, बच नहीं पाएगा एक भी दंगाई

उत्तर-पूर्वी जिले को हिंसा की आग में झोकने वाला एक भी दंगाई बच नहीं पाएगा। दिल्ली पुलिस और क्राइम ब्रांच की एसआइटी दंगे की बारीकी से जांच कर रही है। वहीं गृह मंत्रलय भी इस मामले पर लगातार पुलिस के उच्चाधिकारियों से फीडबैक ले रहा है। यही नहीं अधिकारियों के साथ गृ़ह मंत्रलय की बैठकें भी हो रही हैं। वहीं इस मामले में अब तक 654 केस दर्ज हुए हैं। इनमें हत्या की धाराओं में दर्ज 38 केस भी शामिल हैं, जबकि अब तक 1820 लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर दंगों में उनकी भूमिका की जांच कर रही है। जिनके खिलाफ सुबूत मिल रहे हैं, पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती जा रही है। दंगों के अलावा 47 केस आर्म्स एक्ट में भी दर्ज किए गए हैं। ये वो केस हैं जिनमें असामाजिक तत्वों ने अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया था। इन्हें दंगा के मामले में भी आरोपित बनाया गया है।

दंगों के मामले को लेकर दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों की गृह मंत्रालय में लगातार बैठकें हो रही है। मंत्रलय के निर्देश हैं कि दंगों की बेहतर गुणवत्ता वाली जांच हो। पुलिस का कहना है कि दंगों के अधिकतर मामले में पर्याप्त सुबूत के अभाव में आरोपित कोर्ट से बरी हो जाते हैं। लेकिन, इस बार किसी दंगाई का सजा से बच पाना मुश्किल होगा।

दरअसल पुलिस इस बार दंगों के मामले में बहुत ही गंभीरता से जांच कर पर्याप्त सुबूत कोर्ट के समक्ष रखना चाह रही है दंगे के दौरान हत्या के मामले में जो 38 मामले दर्ज किए गए हैं। उनकी जांच क्राइम ब्रांच की एसआइटी कर रही है। हत्या के तीन मामले में क्राइम ब्रांच 26 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है, बाकी की जांच चल रही है। जबकि दंगों के 550 से अधिक मामले की जांच जिला पुलिस कर रही है। पुलिस अब तक दंगे के दो केस सुलझा पाई है। इसमें करीब 25 आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं। जांच बहुत लंबी चलेगी।

गोकलपुरी थाने से शव मिलने का सिलसिला बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। यहां से पुलिस ने दो शव और बरामद किए हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत जीटीबी अस्पताल में उपचार के दौरान हो गई। इससे दंगे में मरने वालों की संख्या अब 53 पहुंच गई है।

उत्तर-पूर्वी जिले में हुई हिंसा के मद्देनजर सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें और अफवाहें फैलाने वालों पर सख्ती शुरू हो गई है। अब तक विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति के पास 945 शिकायतें पहुंच चुकी हैं। इनमें 854 शिकायतें व्हाट्सएप पर और ईमेल पर 91 शिकायतें आई हैं। इन शिकायतों पर समिति पुलिसकर्मियों की मदद से तफ्तीश कर रही है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वाली पोस्ट डालने पर तीन साल की सजा का प्रावधान है। दिल्ली विधानसभा की शांति एवं सद्भाव समिति समिति ने इस मामले पर फैसला लिया है। समिति के अनुसार, 945 शिकायतों में सबसे ज्यादा 549 मैसेज फेसबुक से संबंधित हैं। वहीं व्हाट्सएप से संबंधित 342 मैसेज समिति के पास आए हैं।

बीके सिंह (एडिशनल पुलिस कमिश्नर, क्राइम ब्रांच) के मुताबिक, दंगे के मामले की बहुत ही बारीकी व निष्पक्ष तरीके से जांच की जा रही है। मुकदमे में केवल उन्हीं को आरोपित बनाया जा रहा है, जो दंगों में शामिल थे। गलत मंशा से एक भी शख्स को नहीं फंसाया जाएगा। पुलिस उन्हीं को गिरफ्तार कर रही है जिनके खिलाफ पर्याप्त सुबूत मिल रहे हैं।

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