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रंगों से होली खेलें, मगर पानी का इस्तेमाल न करें आज कई क्षेत्रों में पेयजल किल्लत है।

फरीदाबाद : होली पर बहुत से लोग रंगों के साथ पानी का इस्तेमाल करते हैं। गुब्बारे से भी होली खेलते हैं। स्वास्थ्य तथा शिक्षा से जुड़े लोगों का कहना है कि इस मामले में बच्चों पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत है। प्राकृतिक रंगों से होली खेलें, मगर पानी का इस्तेमाल न करें। आज कई क्षेत्रों में पेयजल किल्लत है। ऐसे में पानी बचाने की जरुरत है। वर्जन..

सभी अभिभावकों को ध्यान देना चाहिए कि होली पर पानी का इस्तेमाल न हो। आज पानी की एक-एक बूंद कीमती है। हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे।

-नंदराम पाहिल, अध्यक्ष, यूनाइटेड स्कूल एसोसिएशन। रसायनयुक्त रंग जब उड़ते हैं, तो वातावरण प्रदूषित होता है। लोगों को जागरूक होना चाहिए। होली पर सिर्फ प्राकृतिक रंग का ही इस्तेमाल किए जाए। अब तो बाजार में कई तरह के फूलों के रंग उपलब्ध हैं।

-डॉ.कुष्ण कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी। हमने तो आइएमए की ओर से होने वाला कार्यक्रम रद कर दिया है। सभी से यही अपील है कि भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। अगर किसी को खांसी है, तो उससे दूरी बनाए रखें। होली पर पानी का इस्तेमाल न करें।

-डॉ.सुरेश अरोड़ा, पूर्व अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन। होली पर बच्चों के मामले में खास एहतियात बरतने की जरूरत है। अब बाजार में बच्चों के लिए होली मॉस्क भी उपलब्ध हैं। देश और समाजहित को ध्यान में रखें। पानी से भरे गुब्बारों के इस्तेमाल से भी बचें।

-डॉ.अनिल गोयल, बाल रोग विशेषज्ञ, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन।

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