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सरकार को लगाया इस तरह चूना, शहर को खुले में शौचमुक्त बनाने की आड़ में खेला बड़ा खेल

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फरीदाबाद शहर को खुले में शौचमुक्त बनाने के लिए नगर निगम ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत सभी 40 वार्डों में हर घर में शौचालय बनवाने की योजना में बड़ा खेल खेला है। पार्षदों का आरोप है कि नगर निगम के अधिकारियों ने शौचालय बनवाने के नाम पर मोटा खेल किया है। इस मामले में रिटायर्ड इंजीनियरिंग विभाग के कुछ अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। पिछले दिनो नगर निगम सदन की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। निगम कमिश्नर डॉ. यश गर्ग से इस पूरे मामले में जांच कराने की मांग की गई थी। कमिश्नर ने भी जांच कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया है।

गड़बड़ी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पहली किश्त जारी होने के बाद जब दूसरी किश्त देने की बात आई तो पहले पैसे ले चुके लोग अब गायब हैं। यानि जिस नाम से पहले पैसा लिया गया अब वह उस स्थान पर हैं ही नहीं। 2016-17 में हर घर में शौचालय बनाने की योजना शुरू की गई। निगम के सेनिटेशन निभाग मेंकरीब 22 हजार  आवेदन पहुंचे थे। सिक्रूटनी के बाद निगम के 18 हजार आवेदक चयनित किए। केंद्र और राज्य सरकार से पहली किश्त के रूप में मिले 8.7 करोड़ रुपयों में से 7-7 हजार रुपए 12464 लोगों को वितरित कर दिए गए, लेकिन जब दूसरी किश्त के लिए उक्त आवेदनकर्ताओं का भौतिक सत्पनन कराया गया तो आवेदनकर्ता मौके से नदारद मिले।

आपको बता दें कि शौचलय बनवाने के लिए पात्रों के घर-घर जाकर उनका आवेदन एकत्र करने का आदेश दिया गया था, लेकिन विभान के जिन अधिकारियों ऐर कर्मचारियों को यह जिम्मेदारी दी गई थी उन्होंने ऐसा न कर कॉलोनियों में एक स्थान पर बैठकर लोगों के आवेदन ले लिए। वहीं से पात्रों मका भौतिक सत्यापन भी कर दिया। दूसरी किश्त जारी करने का समय आया तो आवेदनकर्ता मौके पर ही नहीं मिल रहे।

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