बिगड़ी कार्यों को बनाने व मनोकामनाओं को पूरी करने के लिए जाने रवि पुष्य नक्षत्र के बारे में: ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज पांडे महर्षि
फरीदाबाद : श्री नारायण ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संस्थापक, ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज पांडे महर्षि, के द्वारा अति उत्तम मुहूर्त का विश्लेषण करके, सभी हिन्दू भाई बंधु सनातन धर्म के आधार पर, रवि पुष्य नक्षत्र की जानकारी देते हुए ,व अवगत करने के लिए प्रयासरत है ,वर्ष 2020 के शुरुआत व आरंभ काल में ही पहला पुष्य नक्षत्र रविवार के दिन रवि पुष्य नक्षत्र प्राप्त हुआ हैं, यह रवि पुष्य नक्षत्र 12 जनवरी सन 2020 को 11:49 बजे तक है हमारे भारत भूमि पर रवि पुष्य नक्षत्र का बहुत बड़ा महत्व है यह रवि पुष्य नक्षत्र बहुत लाभकारी फलदायक व मनोकामना पूर्ण करने वाला कल्याणकारी मुहूर्त हैं,
यह रवि पुष्य नक्षत्र यदि रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र रविवार के दिन आता है, तभी रवि पुष्य नक्षत्र कहलाता है, यह पुष्य नक्षत्र 11 जनवरी सन 2020 के दिन शनिवार के मध्यकालीन 1:30 बजे से शनि पुष्य नक्षत्र का संचरण करता हुआ, रवि पर पुष्य नक्षत्र विराजमान हुआ हैं, तभी रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग बना हैं,और हमें रवि पुष्य नक्षत्र प्राप्त हुआ है, इस रवि पुष्य नक्षत्र में यदि कोई भी पीड़ित व्यक्ति या परेशान व्यक्ति किसी विद्वान ब्राह्मण से पूजा-पाठ जाप अनुष्ठान हवन यज्ञ करवाता है, तो उस व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट नष्ट हो जाते हैं
और मनोकामना व अभिलाषा सूर्य देव की कृपा से अवश्य पूर्ण होती है रवि पुष्य नक्षत्र में हमें पूजा किस लिए करवाना चाहिए जैसे कामकाज नहीं चल रहा हो चलता हुआ काम बंद हो गया हो या बच्चे पढ़ लिख ना रहे हो या कहना ना मान रहे हो बुरी संगतो में बच्चे हो तो ऐसी परिस्तिथि में हमें घर में अच्छे संस्कार देने के लिए और कामकाज की बढ़ोतरी के लिए उन्नति के लिए हमें रवि पुष्य नक्षत्र के दिन पूजा-पाठ जप तप अवश्य करना चाहिए, क्योंकि रवि पुष्य नक्षत्र सूर्य देव का सबसे बड़ा नक्षत्र होता है जो वर्ष में एक या दो या तीन से ज्यादा नहीं मिलते यह बड़े भाग्य से प्राप्त होता है
इस दिन सूर्य देव के समक्ष जो पूजा किया जाता है वह हमें अवश्य प्राप्त होता है क्योंकि सूर्य देव को इस रवि पुष्य नक्षत्र को वरदान मिला हुआ है प्रभु से इसलिए इस दिन पूजा विशेषकर करनी चाहिए जिससे हमारी मनोकामना पूर्ण हो भविष्य उज्जवल हो और उन्नति का मार्ग प्रशस्त हो इस दिन अग्निवास पृथ्वी पर है, अभिजीत मुहूर्त 12:11बजे से 12:59 बजे तक है, सर्वार्थ सिद्धि योग 7:10बजे से 11:49बजे तक है, सिद्धि योग रात्रि के 8:12बजे से अगले दिन सुबह 6:11बजे तक है, रवि पुष्य योग 7:10बजे से 11:49बजे तक हैं, राहु काल शाम 4:39बजे से संध्या काल 6:00 बजे तक है,