सेक्टर 3 मे 60 वर्ग गज के मकानों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाईन दहशत के साये में जीते हैं लोग
फरीदाबाद :सेक्टर 3 मे 60 वर्ग गज के मकानों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाईन की चपेट में आने से आधा दर्जन नागरिकों के मौत के मूहं मे जाने के बावजूद बिजली निगम प्रशासन लापरवाह बना हुआ है। हरियाणा विधुत प्रसारण निगम के घोर उदासीनता पूर्ण रवैये से नाराज सेक्टर 3 के दर्जनों नागरिक बुधवार को निगम के अधीक्षक अभियंता अनिल यादव से उनके सेक्टर 18 स्थित कार्यालय में मिले। सेक्टर 3 रेजिडेंट वेलफेयर फैडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा के नेतृत्व में अधीक्षक अभियंता से मिले शिष्टमंडल ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिन में कोई ठोस कार्रवाई अमल में नही लाई गई तो फैडरेशन सर्कल कार्यालय पर प्रदर्शन करने पर मजबूर होगी। शिष्टमंडल मे सरदार पलविन्द्र सिंह, दिवाकर,ओ पी मेहता, हरीश चोटवानी आदि पदाधिकारी शामिल थे। अधीक्षण अभियंता ने फैडरेशन के शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि एक सप्ताह में कमेटी द्वारा सर्वे करवा कर हाईटेंशन लाइन हटाने का एस्टीमेट बनाकर स्वीकृति के लिए उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया जाएगा और स्वीकृति के बाद शीध्र लाईन हटा दी जाऐंगी।
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सेक्टर 3 रेजिडेंट वेलफेयर फैडरेशन के प्रधान सुभाष लांबा व सचिव रतनलाल राणा ने बताया कि सेक्टर तीन में लगभग पैंतीस साल पहले खिंची गई 66 केवी हाई टेंशन तारों के नीचे हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने EWS कैटगरी के लिए प्लाटिंग की थी। नागरिक वहां पर घर बनाकर रहने भी लगे। समस्या तब सामने आई जब वहां रह रहे लोगों ने दो मंजिला घर का निर्माण किया। हाई टेंशन तारों के बिल्कुल नजदीक होने के कारण चपेट मे आने से अब तक आधा दर्जन मौतें हो चुकी है। भविष्य में भी इस प्रकार की और दुर्घटनाएं होने की पुरी पुरी संभावना बनी हुई है। जब भी प्रभावित क्षेत्र में घटना के वक्त जोरदार धमाका होने से आस पास के घरों में लगे बिजली उपकरण के अलावे टी वी,फ्रिज,ए सी कुलर आदि जल जाते हैं। इन घरों को दो ढाई लाख रुपए नुकसान झेलना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अगस्त, 2018 से नागरिकों को राहत दिलाने के प्रयासरत हैं।प्रसारण निगम के अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में अधिकारी दो तीन बार मौका मुआयना भी कर चुके हैं और सिद्धांतिक रुप से माना कि नागरिकों की कोई गलती नहीं है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने ही गलत ढंग से तारों के नीचे प्लाटिंग की हुई है। परन्तु अधिकारियों के बार बार तबादले व ढुलमुल रवैए के कारण अभी तक ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। जिसको लेकर नागरिकों मे भारी रोष व्याप्त है।