घर पहुंचने के लिए भटक रहे लोग
राजू उत्तर प्रदेश के जिला सुलतानपुर के रहने वाले है। पिछले सात सालों से भवन निर्माण के काम में जुटे हैं। शहर के ही भाड़ावास रोड स्थित हंस नगर मोहल्ले में अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। पति-पत्नी दोनों दिहाड़ी मजदूर हैं। लॉकडाउन के चलते भवन निर्माण का काम भी बंद है। अब राजू अपनी पत्नी व दो बच्चों के साथ कमरे पर ही हैं। बड़ी समस्या यह है कि राजू न अपने गांव लौट पा रहे हैं और न ही कमरे पर उसके पास पर्याप्त राशन है।
मध्य प्रदेश के पन्ना के राजू चौधरी, मुन्ना पत्नी और बच्चों के साथ यहां भवन निर्माण का काम करते हैं। ऐसे न जाने कितने ही श्रमिक वर्तमान में जिले में रह रहे हैं, जिनको इस समस्या ने घेर रखा है। इनमें ज्यादातर श्रमिक हैं, जो या तो भवन निर्माण के कार्यों में जुटे थे या फिर धारूहेड़ा व बावल की फैक्ट्रियों में कार्यरत हैं। अब लॉकडाउन के चलते सभी बंधकर रह गए हैं। घर जाना दूभर, यहां पैसे का संकट
शहर के मोहल्ला हंस नगर, परशुराम कॉलोनी, उत्तम नगर व कई अन्य मोहल्लों में भवन निर्माण के कार्यो से जुड़े मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व बिहार के श्रमिक रहते हैं। वहीं धारूहेड़ा व बावल औद्येागिक क्षेत्रों में वहां की फैक्ट्रियों में कार्यरत श्रमिक रहते हैं। लॉकडाउन से औद्योगिक इकाइयों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। भवन निर्माण कार्य भी बंद है। ऐसे में दिहाड़ी श्रमिकों के सामने समस्या खड़ी है। ये रोजाना कमाकर ही अपना परिवार चलाते थे । अब समस्या यह है कि अब ये लोग अपने पैतृक गांव नहीं जा सकते, क्योंकि न ट्रेन चल रही है और न ही बस। इनके पास इतने पैसे भी नहीं कि घर पर बैठकर 21 दिनों तक खा सके। ऐसे में इनके समक्ष राशन की समस्या खड़ी होने लगी है। हालांकि प्रशासन ने सभी वार्ड पार्षदों से ऐसे लोगों की सूची मांगी गई है, लेकिन यह योजना कब तक सिरे चढ़ेगी, यह स्पष्ट नहीं है। औद्योगिक क्षेत्रों में खड़ी हो रही समस्या
बावल व धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्रों के श्रमिक भी अपने घरों में कैद होकर रह गए हैं। सरकार की तरफ से स्पष्ट आदेश है कि कर्मचारियों को तनख्वाह दी जाएगी, लेकिन क्या सभी श्रमिकों को इन आदेशों का लाभ मिल पाएगा। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि कंपनियों में स्थायी कर्मचारी कम तथा ठेके पर कर्मचारी ज्यादा कार्यरत है। इनसेट:
हाइवे पर फंसे हैं कई ट्रक चालक भी
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 48 व 352 पर भी बड़ी तादाद में ट्रक चालक फंसे हैं। कुछ ट्रक चालक जहां माल खाली करके लौटे हैं, तो कुछ लंबी दूरी के लिए माल लेकर चले थे। अब इन ट्रक चालकों के सामने भी समस्या खड़ी है। न राजस्थान पुलिस उनको सीमा पार करने दे रही हैं और न ही हरियाणा व दिल्ली पुलिस। बहुत से ट्रक चालक भी अब पिछले दो दिनों से हाइवे पर ही फंसे हैं। हाइवे पर होटल व ढाबे भी बंद हैं। ऐसे में उनके सामने रोटी तक की समस्या आ रही है। वर्जन..
सभी के भोजन का प्रबंध हो रहा है। हमने वार्ड पार्षदों, पूर्व पार्षदों व गांवों के सरपंचों से भी संपर्क साधा है। शहर में ऐसे लोगों की सूची भी मांगी है, जो जरूरतमंद है। सभी के घरों तक राशन पहुंचाया जाएगा। किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार व जिला प्रशासन सभी की चिता कर रही है।