लगातार दो नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले फ़िल्ममेकर मनमोहन महापात्रा का निधन, नवीन पटनायक ने जताया शोक
ओडिशा के बेहतरीन फ़िल्ममेकर मनमोहन महापात्रा ने 69 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। 1970 से 80 के शुरुआती दशक में उन्होंने सिनेमा को एक नई पहचान दी। इसके के जरिए ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान भी बनाई। लगातार दो बार नेशनल अवॉर्ड जीतने वाले मनमोहन सोमवार को भुवनेश्वर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में आखिरी सांसे लीं। वह ओडिशा के एकमात्र ऐसे शख्स हैं, जिन्होंने लगातार राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
मनमोहन उन फ़िल्ममेकर्स में से थे, जिन्होंने (फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) एफटीआईआई ने निकलकर अपने करियर को आकार दिया। ओडिशा की रिज़नल फ़िल्म के लिए बेस्ट फीचर कैटेगरी में मनमोहन ने कुल आठ बार नेशलन अवॉर्ड जीता। पुणे की फ़िल्म इंस्टीट्यूट से बाहर निकलकर महापात्रा ने सीता राती बनाई। यह पहली ओडिया फ़िल्म थी, जिसे इंटरनेशल फ़िल्म फेस्टिवल 1982 में दिखाया गया। इस फ़िल्म एक ऐसी लव स्टोरी के बारे में बताया गया, जिसने कई रुढ़िवादी दीवारों को तोड़ दिया।
पहली फ़िल्म के बाद महापात्रा ने कई ऐसी फ़िल्में बनाई, जिन्होंने क्रॉफ्ट के मानक को और भी ऊपर कर दिया। महापात्रा ने नेशनल फ़िल्म अवॉर्ड्स की झड़ी-सी लगा दी। उन्हें निशिधा स्वप्ना, माझी पच्चा, नीरब झाड़ा, अग्नि बेना, क्लांता अपरान्हा, अन्धा दिगंता, किचि स्मृति किचि अनुभूति और भीना समया के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला। उन्होंने रिज़नल फ़िल्मों को अतंरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया। उनकी कई फ़िल्मों को विदेशों में भी दिखाया गया।