करोड़ों का कारोबार, पाबंदी पर गुटखा, पान मसाला और सिगरेट पर शुरू हो गई कालाबाजारी
हरियाणा सरकार ने कोरोना वायरस को देखते हुए राज्य में पान मसाला, गुटखा, सिगरेट और तंबाकू पर प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद होलसेल के गोदामों पर पहुंच चुके सिगरेट से लेकर अन्य तंबाकू वाली वास्तुओं की बाजार में कालाबाजारी शुरू हो गई है। जिलों में अभी से दाम बढ़ाकर इन्हें अवैध तरीके से बेचा जाना शुरू कर दिया है।
अंबाला की ही बात करें तो छावनी व शहर में सिगरेट के शौकीन हर महीने करीब 5 करोड़ रुपये धुंए में उड़ते हैं। जी हां यह बिल्कुल सही है। रिकार्ड के मुताबिक सिगरेट बनाने वाली नामी कंपनी आइटीसी के 45 होलसेल की दुकान से जिले में हर महीने करीब साढ़े 3 करोड़ रुपये के सिगरेट की सप्लाई बाजारों में होगी है। जीपीआई कंपनी के 33 होलसेलर भी करीब 75 लाख के सिगरेट बाजारों में उतारते हैं।
इस तरह कुल मिलाकर करीब 4 करोड़ के सिगरेट की होलसेल मार्केट है, जो खुले बाजार में पहुंचकर करीब 7 करोड़ हो जाती है। ऐसे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाकी जिलों में भी स्थिति कैसी होगी। समय बीतने पर यह क्षेत्र और भी ज्यादा कालाबाजारी करेगा इसमें कोई संदेह नहीं है। ऐसे में सरकार के लिए जरूरी कदम उठाना भी जरूरी हो जाता है। क्योंकि लॉकडाउन में ही यही हाल है तो बाद में क्या होगा।
–हमारी कंपनी के लगभग 45 होलसेल के दुकानदार हैं, कहीं से भी अधिक दाम पर बेचने अथवा कालाबाजारी करने की शिकायत नहीं आई है। फुटकर दुकान अपने बचे हुए माल को अधिक दामों पर बेच रहें होंगे, इसपर हम क्या कर सकते हैं।
नवीन मनोचा, सेल्स मैनेजर जीपीआई।
—राज्य सरकार के पाबंदी के बाद से प्रदेश में कंपनी से कोई भी आर्डर नहीं भेजा गया। कंपनी सरकार के आदेश का पालन कर रही है। रही बात निर्धारित दर से अधिक में बेचे जाने की तो इसकी जानकारी नहीं है।