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बिना इलाज के मरीज लौटाने वाले अस्पतालों पर होगी कार्रवाई

यदि किसी रोगी पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है और उसे अस्पताल से बिना इलाज भगा दिया जाता है तो उस स्थिति में वहां के स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और बड़े केंद्रीय एवं सिटी सरकारी अस्पतालों और दिल्ली के म्यूनिसिपल कमिश्नरों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंस बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि उन्हें फोन पर, सोशल मीडिया, ट्विटर और प्रिंट मीडिया से गंभीर बीमारी का सामना कर रहे रोगियों का इलाज नहीं करने के बारे में ढेर सारी शिकायतें मिली हैं। ऐसे रोगियों में वे भी शामिल थे जिन्हें डायलिसिस, ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत थी या सांस संबंधी या हृदय रोग से पीडि़त थे। हर्षवर्धन ने कहा कि रोगियों का इलाज से मना करने के खिलाफ ध्यान देने की जरूरत है।

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि वे रोगी जो आपात स्थिति में अस्पताल आते हैं और उन्हें अनगिनत चक्कर काटने के लिए बाध्य किया जाता है जिससे उनकी जान भी जा सकती है। उधर, केंद्रीय मंत्रियों के एक समूह ने कोरोना के दृष्टि से चिह्नित हॉटस्पॉट व क्लस्टर में प्रबंधन रणनीति को लेकर समीक्षा की। स्वास्थ्य मंत्रालाय की मानें तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में मंत्री समूह को बताया गया कि रेड जोन के 170 जिलों में से 123 वैसे जिले हैं जहां कोरोना वायरस का प्रकोप ज्यादा है।

 

उल्‍लेखनीय है कि देश में पिछले चौबीस घंटे में एक हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं और संक्रमितों का आंकड़ा 13,835 पहुंच गया है। अब तक 452 लोगों की जान गई है और 1,767 लोग उपचार के बाद पूरी तरह ठीक भी हुए हैं। शुक्रवार को महाराष्ट्र में सात, गुजरात में पांच, दिल्ली में चार, राजस्थान में दो और पंजाब, बिहार व जम्मू-कश्मीर में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई। महाराष्ट्र में शुक्रवार को 118 नए मामले सामने आए।

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