हरियाणा की सड़कों पर दिखेगी इलेक्ट्रिक बसें, किराया भी हो सकता है कम
हरियाणा : हरियाणा के अब सभी शहरों में सिटी बस सेवा शुरू होने जा रही है । सिटी बस सेवा में सामान्य की बजाय इलेक्ट्रिक बस चलाई जाएंगी। आपको बता दें कि सरकार ने 1000 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का फैसला लिया है। इन सभी बसों को शहरों के साथ लगते गांवों से भी जोड़ा जाएगा ताकि नियमित यात्रियों को आने-जाने में आसानी हो। वहीं स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों को भी इन बसों का फायदा मिलेगा।
शहरों की आबादी और उनकी मांग के अनुसार परिवहन विभाग द्वारा बस उपलब्ध कराई जाएंगी। बड़े शहरों में 100 और छोटे शहरों में 10 से 20 बसें सरकार उपलब्ध कराएगी। इन बसों से न केवल शहरों के प्रदूषण पर कंट्रोल होगा बल्कि यात्रियों को भी परिवहन के अधिक साधन उपलब्ध होंगे। बैटरी से चलने वाली इन बसों को बड़े रूट पर नहीं चलाया जाएगा। इसका कारण यह है कि बसों की बैटरी चार्जिंग आदि की दिक्कत आ सकती है।
सिटी बस सेवा का सबसे अधिक लाभ गुरुग्राम, फरीदाबाद व पंचकूला जैसे बड़े शहरों को होगा। परिवहन बेड़े में वर्ततान में 3600 बसें हैं। इनमें से लगभग 3300 बसें रोड पर हैं। सरकार द्वारा वोल्वो की करीब दो दर्जन बसों के अलावा 150 मिनी और 200 सामान्य बसें खरीदने का फैसला पहले ही लिया हुआ है। इसी तरह से 800 सामान्य बसें और बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया सरकार शुरू कर चुकी है। इलेक्ट्रिक बसें इन बसों से अलग होंगी।
बता दें कि परिवहन विभाग ने इस योजना के साथ ही सभी जिलों से डिमांड मांग ली है। संबंधित रोडवेज डिपो स्थानीय प्रशासन के साथ इस पर बात करके मुख्यालय में रिपोर्ट देंगे। शहरों की जरूरत और साथ लगते गांवों की संख्या के हिसाब से जिलों की डिमांड पूरी होगी। साथ ही, सभी बस अड्डों के अलावा शहरों में कई जगहों पर चार्जिंग स्टेशन बनाने की भी योजना है। शहरों से साथ लगते गांवों में भी चार्जिंग स्टेशन बनेंगे ताकि जरूरत पड़ने पर बसों की बैटरी चार्ज हो सके।
सरकार ने साइबर सिटी गुरुग्राम, औद्योगिक नगरी फरीदाबाद और राजधानी चंडीगढ़ से सटे पंचकूला शहर के लिए 100-100 बस तय की हैं। इसी तरह से दूसरे बड़े शहरों – रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल आदि में 50-50 बस मुहैया कराई जाएंगी। छोटे शहरों व बड़े कस्बों में उनकी जरूरत के हिसाब से सरकार बस देगी। रोडवेज के डिपो और सब-डिपो में ही इन बसों का ठहराव होगा
आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक बसों को चलाने का जिम्मा परिवहन विभाग का रहेगा, जबकि बसों को आपरेट करने का जिम्मा उसी कंपनी का होगा जिससे बस खरीदी जाएंगी। बस में चालक और परिचालक रोडवेज विभाग के ही होंगे। कंपनी के साथ बसों की देखरेख के लिये एमओयू साइन किया जाएगा। सिटी बसों के तौर पर कामयाबी मिलने के बाद इन बसों को लम्बे रूट्स पर भी चलाने की योजना है।