इन 5 नामों की चर्चा तेज, राजस्थान में अगर बनी कांग्रेस सरकार.. तो कौन होगा सीएम फेस?

Rajasthan Election 2023: राजस्थान चुनाव के एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. एग्जिट पोल के अनुमानों से यह साफ हो गया है कि राज्य में चुनाव के नतीजे चौंकाने वाले होंगे. राजस्थान में बीते 3 दशक से हर पांच साल में सरकार बदलने का सियासी रिवाज चला आ रहा है. लेकिन इस बार कांग्रेस इस प्रवृत्ति को बदलने की पूरी उम्मीद कर रही है. कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए सीएम अशोक गहलोत की कड़ी मेहनत देखने को मिली. गहलोत ही नहीं कांग्रेस के तमाम दिग्गजों ने चुनाव से पहले राजस्थान को अपना ठिकाना बना लिया था. उम्मीद यद भी जताई जा रही है कि कांग्रेस अगर सत्ता बरकरार रहती है तो पार्टी का सीएम चेहरा कोई और हो सकता है. आइये आपको कांग्रेस के संभावित सीएम फेस नेताओं के बारे में बताते हैं जिनके नाम की चर्चा जोरों पर है.
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अशोक गहलोत
राजस्थान की राजनीति के जादूगर कहे जाने वाले कांग्रेस नेता अशोक गहलोत का मुख्यमंत्री के रूप में यह तीसरा कार्यकाल है. तमाम अड़चनों के बाद भी उन्होंने राज्य की राजनीति में अपना कद कभी कम नहीं होने दिया. गहलोत 1974-79 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे इसके बाद 1979 में वे कांग्रेस के जोधपुर जिला अध्यक्ष बने और 1985 तक प्रदेश प्रमुख रहे. 1980 से 1999 के बीच गहलोत पांच बार जोधपुर से लोकसभा सांसद चुने गए. सांसद रहते हुए वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी वी नरसिम्हा राव की सरकार में मंत्री भी रहे. 1999 में गहलोत सरदारपुरा से विधानसभा उपचुनाव जीतकर राज्य में आये. तब से वह इस सीट पर काबिज हैं. वह पहली बार 1998 में और फिर 2008 में सीएम बने. सीएम के रूप में यह उनका तीसरा कार्यकाल है. कल्याणकारी योजनाओं के लिए गहलोत हमेशा लोगों की पसंद रहे हैं. आज भी मतदाताओं के बीच उनका ठोस आधार है.
सचिन पायलट
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से एक हैं. पायलट ने प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए 2018 में अपनी क्षमता साबित की थी. कहा जाता है कि सचिन पायलट की कड़ी मेहनत, 2018 में कांग्रेस की जीत का बड़ा फैक्टर थी. इसके बाद सचिन पायलट को राजस्थान के सीएम पद के लिए मजबूत दावेदार भी माना जा रहा था. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. सचिन पायलट ने जून 2000 में पिता राजेश पायलट के निधन के बाद राजनीति में कदम रखा था. 2004 में दौसा से लोकसभा चुनाव जीतकर में वे सबसे कम उम्र के 26 साल के सांसद बन गए. 2009 में अजमेर से फिर से चुने गए. मौजूदा वक्त में पायलट धैर्य का गुण अपना रहे हैं. कहा जा रहा है कि आलाकमान ने उन्हें अपनी बारी का इंतजार करने की सलाह दी है.
गोविंद सिंह डोटासरा
कांग्रेस के सीएम फेस के तौर पर गोविंद सिंह डोटासरा के नाम की चर्चा भी जोरों पर है. गोविंद सिंह ने एनएसयूआई से राजनीति में एंट्री की थी. इसके बाद वे कांग्रेस के हो गए. उन्होंने अपना पहला चुनाव 2005 में 41 साल की उम्र में जीता था. 2008 के अगले विधानसभा चुनाव में उन्होंने लक्ष्मणगढ़ सीट जीती. 2013 में वह उन मुट्ठी भर कांग्रेस उम्मीदवारों में से थे जिन्होंने न केवल जीत हासिल की बल्कि अपनी सीट भी बरकरार रखी. राज्य विधानसभा में उनके प्रदर्शन ने पार्टी में उनकी जगह पक्की कर दी. पार्टी सचेतक के रूप में डोटासरा हमेशा भाजपा के कटु आलोचक रहे हैं. उन्होंने 2016 में ‘सर्वश्रेष्ठ विधायक’ का पुरस्कार जीता था. अपने दूसरे कार्यकाल के अंत तक वह राज्य में एक शीर्ष जाट चेहरे के रूप में उभरे. पायलट की बगावत के बाद डोटासरा को जुलाई 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. नवंबर 2021 में उन्होंने पार्टी के ‘एक व्यक्ति एक पद’ नियम का पालन करते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.
सीपी जोशी
राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी को ‘प्रोफेसर’ कह कर भी बुलाया जाता है. सीपी जोशी के पास भौतिकी में एमएससी और मनोविज्ञान में एमए.. दो मास्टर डिग्री हैं. उन्होंने मनोविज्ञान में पीएचडी और एलएलबी भी की है. जोशी का राजनीति से पहला परिचय 1973 में हुआ, जब उन्हें उदयपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ का अध्यक्ष चुना गया. वह 1980, 1985, 1998, 2003 और 2018 में नाथद्वारा से विधायक चुने गए. वह 1998 में पहली बार राज्य सरकार में मंत्री बने. 2009 में वह पहली बार भीलवाड़ा सीट से सांसद चुने गए. सांसद बनने के तुरंत बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया गया. उन्होंने 2009 और 2013 के बीच कई विभागों का कार्यभार संभाला. 2019 में वे विधानसभा अध्यक्ष बने. उन्हें नियमों का पालन करने वाले के रूप में भी जाना जाता है. सीपी जोशी, गहलोत कैबिनेट के मंत्रियों की खिंचाई करने में संकोच नहीं करते. कांग्रेस की जीत पर सीएम फेस के रूप में सीपी जोशी के नाम की भी चर्चा जोरों पर है
NEWS SOURCE : zeenews