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वृद्धाश्रम प्रबंधन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

तेलंगाना के एक वृद्धाश्रम (old-age home) में लोगों के साथ किए जा रहे अमानवीय व्‍यवहार को लेकर मामला दर्ज कराया गया है। आश्रम के एक कमरे में बंद कुल 73 लोगों को पुलिस ने आजाद कराया और मेडिकल जांच के लिए अस्‍पताल भेज दिया। पुलिस के अनुसार, ये तमाम लोग मनोरोगी या मानसिक तौर पर विक्षिप्‍त थे और इन्‍हें जंजीरों में जकड़ कर कमरे में बंद रखा गया था। यह आश्रम हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्‍थित नागरम (Nagaram) गांव में है।

पुलिस ने कहा, ‘वृद्धाश्रम के प्रबंधन को लेकर शिकायत आने के बाद धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया गया है।’ शिकायत में कहा गया कि मनोरोगी मरीजों व दिमागी तौर पर असंतुलित लोगों को वृद्धाश्रम में रखा जा रहा है और इनके साथ अमानवीय व्‍यवहार किया जाता है। मामले की जांच की जा रही है। तेलंगाना पुलिस के अनुसार, शैक रतन जॉन पॉल, के भरती और तीन अन्य लोगों द्वारा वृद्धाश्रम चलाया जाता है। यह आश्रम दो घरों में चलाया जाता है।

गांव में से बंद कमरे में पुलिस ने कुल 73 लोगों को आजाद कराया। यह मामला Maintenance&Welfare of Parents&Senior Citizens Act, 2007 के तहत दर्ज कर लिया गया है। यहां जंजीरों में जकड़े लोगों की चीखों से मामला उजागर हुआ और आस-पास के लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। आश्रम के प्रबंधन के खिलाफ मेंटेनेंस वेलफेयर सीनियर सिटीजन एक्‍ट 2007 (Maintenance&Welfare of Parents&Senior Citizens Act, 2007 ) के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में जांच जारी है।

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