Operation Trackdown: DGP के सख्त निर्देश, हरियाणा में हर थाना गिरफ्तार करेगा 5 गैंगस्टर
Operation Trackdown: DGP issues strict instructions, every police station in Haryana will arrest 5 gangsters

हरियाणा में बढ़ते गैंगस्टर नैटवर्क और संगठित अपराध पर नकेल कसने के लिए राज्य पुलिस ने अब तक का सबसे बड़ा आप्रेशन टेकडाऊन शुरू कर दिया है। कार्यवाहक डी. जी.पी. ओ.पी. शिखरका के बाद प्रदेश के धानों को आदेश जारी किए गए हैं कि हर थाना क्षेत्र से कम से कम 5 प्रमुख गैंगस्टरों, सक्रिय बदमाशों या फरार वांछित अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करे। यह निर्देश न केवल अपराधियों के खिलाफ सख्त संदेश है, बल्कि हर थाने की जवाबदेही तय करने वाली एक नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। 15 दिन में पहली रिपोर्ट, 45 दिन में कार्रवाई पूरी करने का लक्ष्य
सूत्रों के अनुसार डी.जी.पी. ओ.पी. सिंह ने सभी एस.पी. और डी.एस.पी. स्तर के अधिकारियों की स्पष्ट समय सीमा दी है। 15 दिनों के भीतर प्रत्येक थाना अपनी गैंगस्टर/मोस्ट वांटेड सूची भेजेगा। 30-45 दिनों के भीतर प्रमुख गिरफ्तारियां की जाएंगी। अभियान की हर प्रगति सीधे पुलिस मुख्कलय को रिपोर्ट की जाएगी। इसके तहत लंबे समय से फरार चल रहे आप्रेशन ट्रैकडाऊन के तहत समी फील्ड पुलिस अफसरों की जिम्मेदारी लय की गई है। इस ऑप्रेशन की प्रदेश में शत-प्रतिशत सफलता मिल रही है। इसमें सभी पुलिस थानों को कम से कम सभीटर को पकड़ने के निर्देश दिए गार थे लेकिन अधिकांश जिलों में यह आंकड़ा काफी आगे पार कर चुका है।
थानों को दिया गया ‘टार्गेट’, अधिकारियों की जवाबदेही तय
इस अभियान में पहली बार हर थाने को स्पष्ट रूप से 5 बड़े अपराधियों को पकड़ने का टार्गेट दिया गया है। पुलिस पुख्यालय का मानना कि स्थानीय थानों के पास अपने मैं अपराधियों की सबसे सही जानकारी होती है इसलिए इस अभियान का नेतृत्व थाना स्तर से शुरू किया गया है।
डी. जी. पी. सिंह ने कहा है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। आवश्यक होने पर थानों को अतिरिक्त फीसे और तकनीकी सहायता दी जाएगी। कार्रवाई में ढिलाई दिखाने वाले अधिकारियों के खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। अपराधी, जमानत पर बाहर आकर फिर से सक्रिय हुए गैंग सदस्य, रंगदारी मांगने वाले, सुपारी-आधारित अपराध करने वाले तथा अवैध हथियार तस्करी में शामिल लोग पुलिस की प्राथमिकता में होंगे। पुलिस मुख्यालय ने आदेश दिया है कि क्राइम ब्रांच, सी.आई.ए. और साइबर पुलिस भी इस अभियान में थानों का पूरा सहयोग करें। मोबाइल लोकेशन, सोशल मीडिया ट्रैकिंग और बैंकिंग ट्रांजैक्शन जैसी तकनीकों का उपयोग बड़ाया जाएगा ताकि गैंगस्टर नैटवर्क की गतिविधियों को रियल टाइम में ट्रैक किया जा सके। अभियान के तहत पुलिस का खुफिया तंत्र पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है। बीट कांस्टेक्कतों को क्षेत्रक जा रही है। अपराधियों के छिपने के ठिकाने, नैटवर्क और फाइनेंशियल लिंक को ट्रैक किया जा रहा है। कई जिलों में देर रात दबिशें दी गई और पुलिस ने संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी भी शुरू कर दी है। इस अभियान के तहत पुलिस का जीर उन नैटवर्क को तोड़ने पर है जिनके कारण गैंगस्टर गतिविधियां फल फूल रही हैं। अवैध हथियारों की सप्लाई चेन् नशा तस्करी से जुड़े गिरोह, सोशल मोडिया पर सक्रिय गैंग व रंगदारी फिरौती मांगने वाले और वाहन चोरी व स्नैचिंग में शामिल गैंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
NEWS SOURCE Credit :punjabkesari
