जानें कैसे करनी है भगवान शिव की पूजा
पूरे देश में आज महाशिवरात्रि की धूम है। महाशिवरात्रि इस वर्ष बहुत ही शुभ संयोग में मनाई जा रही है। इस साल ना तो तिथियों को लेकर कोई उलझन है न पूजा के समय को लेकर विवाद। कई ग्रह भी शुभ स्थिति में हैं साथ ही सर्वाथ सिद्धि योग भी इस दिन उपस्थित हो रहा है।
महाशिवरात्रि पर आज यानी शुक्रवार को 26 घंटे सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। यह योग हर प्रकार की सिद्धि देने वाला माना जाता है। इस योग में भगवान शिव का अभिषेक करने से घर में सुख समृद्धि रहती है। ज्योतिषिषयों के अनुसार जिन जातकों पर शनि की ढैया व साढ़ेसाती का प्रभाव चल रहा है, उन्हें शनिदेव की प्रसन्नता के लिए तेलाभिषषेक करना चाहिए।
26 घंटे का सर्वार्थसिद्धि योग
ज्योतिषषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार शुक्रवार को उत्तराषाढ़ा उपरांत श्रवण नक्षत्र तथा मकर राशि के चंद्रमा की साक्षी में महाशिवरात्रि का पर्वकाल आ रहा है। इस दिन सुबह 9:15 से अगले दिन सुबह 11:19 बजे तक लगातार 26 घंटे सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। इस योग में भगवान शिव का पूजन विशेष फलदायी माना जाता है। जिन जातकों को शनि की साढ़ेसाती चल रही है, उन्हें शनिदेव का विधिवत अभिषषेक पूजन करना चाहिए। उज्जैन के नई पेठ स्थित स्थावरेश्वर शनि मंदिर में शनिदेव का पंचामृत अभिषेक पूजन कर नवीन वस्त्र अर्पित कर पंचमेवा का भोग लगाया जाएगा।
इन पदार्थो से करें शिव का अभिषेक
धन,भूमि,ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी वैसे जो आशुतोष भगवान शिव जल से प्रसन्न होने वाले देव हैं। इसलिए शिव का जलाभिषेक करने की परंपरा है। लेकिन विभिन्न रस पदार्थो से शिव का अभिषेक करने से मनुष्य को धन, भूमि, ऐश्वर्य आदि की प्राप्ति भी होती है।
गन्ने का रस से अभिषेक- धन की प्राप्ति
शहद से अभिषेक – ऐश्वर्य की प्राप्ति
नारंगी के रस से अभिषेक- नवग्रहों की अनुकूलता
अंगूर के रस से अभिषेक- भूमि की प्राप्ति
नारियल पानी से अभिषेक- आकस्मिक धन लाभ साधना की सिद्धि के लिए
शिवरात्रि विशेष वर्ष में शरद पूर्णिमा, दीपावली, होली तथा महाशिवरात्रि की रात साधना की सिद्धि के लिए विशेषष मानी गई है। शिवतंत्र में वैदिक उपासकों का अपना महत्व है। महाशिवरात्रि में वैदिक तंत्र की साधना विशेषष फल प्रदान करने वाली मानी गई है। यदि अपर रात्रि से ब्रह्म मुहूर्त के मध्य ध्यान साधना से स्तवन किया जाए तो साक्षात शिव की प्राप्ति होती है।