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अपना लीजिए ये जरूरी उपाय, डाक्टर की मानिए सलाह और स्वस्थ जीवन के लिए

हमारी जीवनशैली ही कुछ ऐसी हो गई है कि बीमारियां आसपास रहने लगी हैं। पहले तो बीपी, शुगर, थाइराइड, हृ़दय की बीमारियां 40 साल उम्र के बाद हुआ करती थीं लेकिन अब युवावस्था में ही दवाइयां खाने को लोग मजबूर हैं। वजह है कि अपने शरीर को कोई समझ नहीं पा रहा। हरी सब्जियों से नाता टूट रहा है, दूध घी का स्थान नशे की आदतों ने ले लिया है। यह सेहत के लिए हानिकारक है। बच्चों को इसके लिए प्रेरित कौन करे जब माता पिता, अन्य बड़े बुजुर्ग ही अपना खानपान नहीं सुधार पा रहे हैं। रविवार को दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में पाठकों के प्रश्न का उत्तर देते समय मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज की एसोसिएट प्रोफेसर डा. स्मृति सिंह ने यही बताया। प्रस्तुत है उनसे हुए प्रश्न और मिले उत्तर के प्रमुख अंश।

योग-प्राणायाम करें और निरोग रहें

योग और प्राणायाम हमारे शरीर को बीमारियों से दूर रखने में सहायक है। यह यौगिक पद्धति और परंपरा है। सुबह जल्दी सोकर उठें, एक घंटे योग-प्राणायाम जरूर करें। यह न हो सके तो तेज चाल से पैदल चलें। सेहत के लिए इन आदतों को अपने जीवन में शामिल कर लें तो बीमारियों से काफी हद तक निजात मिल सकती है।

तय करें कैसे रहना है क्या खाना है

जीवनशैली बदल रही है तो बीमारियां भी बढ़ रही हैं। बुजुर्ग ही नहीं, युवा भी खुशहाल जीवन जीने की बजाए बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैं। यह वास्तव में खानपान बिगड़ने से हो रहा है। तय करें कि आपको सुबह से शाम तक क्या करना है और क्या खाना है। फिर देखेंं, स्वस्थ रहने में सफलता मिलेगी।

ये पूछे गए प्रश्न और मिले जवाब

प्रश्न : सिर में दर्द बना रहता है, सात-आठ महीने से बहुत दिक्कत है। आजाद सिंह, फाफामऊ

प्रश्न : सुबह सोकर उठते हैं तो छींकें लगातार आती हैं। जबकि दोपहर और शाम को ऐसा नहीं होता।

दीपक शर्मा, सैदाबाद

उत्तर : कमरे में किसी चीज से आपको एलर्जी है। आप एक बार अपना स्नोफीलिया टेस्ट करा लीजिए। रिपोर्ट लेकर एसआरएन आइए, उचित परामर्श और दवाएं दी जाएंगी।

प्रश्न : वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, अब अगर ओमिक्रोन का संक्रमण हुआ तो कितना खतरा रहेगा। सोंटू यादव, नार्थ मलाका

उत्तर : इस पर अभी स्पष्ट डाटा नहीं आया है। लेकिन इतना जरूर है कि वैक्सीन की जो भी लोग दोनों डोज लगवा चुके हैं ओमिक्रोन होने पर उनको जान का खतरा नहीं रहेगा।

प्रश्न : ब्लड प्रेशर कभी लो कभी हाई हो जाता है। अक्सर पेट भी खराब रहता है।

ईशा तिवारी, अल्लापुर

उत्तर : उम्र बढ़ने के साथ पाचन क्रिया कमजोर होती जाती है। ऐसी अवस्था में खानपान संतुलित रखना चाहिए। अपना बीपी नापने के लिए मशीन घर में रख लीजिए। जब भी अपने डाक्टर के पास जाएं तो समय-समय पर बीपी का लिया गया रिकार्ड लेकर जाएं।

प्रश्न : मेरी भाभी जी का ब्लड प्रेशर लो रहने लगा है। उन्हें कई दिन से ऐसी दिक्कत है।

नरेश चंद्र, झूंसी

उत्तर : कभी-कभी मानसिक तनाव से ऐसा हो जाता है। ज्यादा चिंता न करें। उन्हें दिन भर में दो से ढाई लीटर पानी पीने के लिए कहें। ज्यादा दिक्कत हो तो लेकर अस्पताल आएं।

प्रश्न : रात में भोजन करने के बाद सोते हैं तो पेट गुड़गुड़ाता है। फिर नींद नहीं आती।

सत्यम मिश्रा, नारायण दास का पुरवा

उत्तर : आदत डालें की रात में सोने से दो घंटे पहले भोजन कर लें। खाने में दही भी शामिल करें। कई बीमारियों की प्रमुख वजह यही है कि लोगों का खानपान और इसका समय बिगड़ गया है।

प्रश्न : पेट साफ नहीं होता। इलाज करा चुके लेकिन कोई फायदा नहीं हो रहा। उम्र 62 साल है।

अशोक मिश्रा, हरिपुर मर्रो, रमेश राय नैन, अशोक पटेल सोरांव, क्षमा पांडेय झूंसी

उत्तर : पेट साफ रखने के लिए आंतों का चलना जरूरी है। उम्र 40 साल से अधिक हो जाए तो सभी खानपान में बदलाव कर देना चाहिए। फाइवर युक्त आहार ज्यादा लें। क्योंकि फाइवर ही पेट साफ करने में सबसे ज्यादा सहायक होता है। इसकी दवाएं भी आती हैं।

प्रश्न : पैर और कमर में दर्द होता है। पैर में हरे रंग की नस उभरती हुई दिखने लगी है। दर्द से रात में नींद खुल जाती है तो गर्मी ज्यादा लगने लगती है।

मंजू मिश्रा, झूंसी

उत्तर : आप एक बार थाइराइड की जांच करा लीजिए। रिपोर्ट नार्मल आए तो ठीक नहीं तो एसआरएन आकर दिखाइए।

प्रश्न : पत्नी को सीने में दर्द होता है। उसे उल्टी भी आती है। गरीबी है इसलिए ज्यादा महंगा इलाज नहीं करा पा रहे। क्या करें।

प्रेमचंद्र फाफामऊ

उत्तर : आप आयुष्मान कार्ड लेकर स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय आ जाइए। रोगी की जांच कराकर उनका इलाज किया जाएगा। यदि बीमारी हार्ट से संबंधित है तो कार्डियोलाजी विभाग में नहीं तो मेडिसिन विभाग से इलाज चलेगा।

प्रश्न : पेट में अक्सर दिक्कत रहती है, जलन और दर्द होता है। चेहरे पर कालापन भी आ रहा है। क्या करें

चंद्रभान सिंह, उग्रसेनपुर

उत्तर : आप अपना वजन कम करिए। खाने में चीनी और नमक की मात्रा कम करिए। ज्यादा दिक्कत हो तो एसआरएन में आकर दिखाइए।

प्रश्न :हृदय रोग से पीड़ित हूंं, अब सांस भी फूलने लगी है। रात में नींद नहीं आती।

प्रेमचंद्र गौड़

उत्तर : आप पहले से जिन डाक्टर को दिखा रहे हैं उनसे संपर्क बनाए रखें। अगर बीमारी हमें दिखाना है तो एसआरएन आइए। जांच से पता लगाना पड़ेगा कि नींद क्यों नहीं आ रही है।

प्रश्न : रात में सोते हैं तो शरीर में कंपन महसूस होता है। इससे नींद खुल जाती है।

प्रमोद रस्तोगी धूमनगंज।

उत्तर : आपको उचित इलाज के लिए एसआरएन आना होगा। जांच होगी, रिपोर्ट के आधार पर दवाएं दी जाएंगी। फोन पर दवा बताना उचित नहीं है।

प्रश्न : पिछले 20-25 दिन से सर्दी जुखाम है। सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। क्या करें।

दुर्वासी तिवारी, नैनी

उत्तर : आप स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय आइए। आपका एक्सरे कराना होगा। बलगम भी जांच भी होगी।

प्रश्न : मेरी तीन माह की बेटी है, उसके पैर में लाल रंग की नसें उभरती हुई दिख रही हैं। क्या करें।

संपूर्णानंद बिंद, उग्रसेनपुर

उत्तर : आप बच्ची को किसी शिशु रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।

प्रश्न : ढाई साल का बेटा है। खाना नहीं खाता, केवल दूध पीने के लिए कहता है।

सौरभ पांडेय, लोकनाथ

उत्तर : आप बच्चे को दूध देना कम कर दीजिए। भूख लगेगी तो बच्चा खाना खाएगा। भूख लगे तो उसे खाना ही दीजिए।

प्रश्न : मुझे घुटने और हाथ के जोड़ों में दर्द होने लगता है। क्या करें।

प्रभा शुक्ला, सलोरी

उत्तर : आपको गठिया के लक्षण लग रहे हैं। उम्र बढ़ने पर ऐसा अमूमन हो जाता है। सर्दी के दिनों में आप हाथ पैर के जोड़ को गरम रखने का प्रयास रखिए। पालथी मारकर बैठना कम करें।

इन्होंने भी पूछे प्रश्न

चंद्रावती सोरांव, प्रिया गोस्वामी मम्फोर्डगंज, हृदयनाथ मिश्रा नैनी, कमलेश मिश्र, धूमनगंज, सरला तिवारी सलोरी, दीपक दुबे शांतिपुरम।

Source News: jagran

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