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अब खाएगा जेल की हवा, सिविल इंजीनियर की फर्जी डिग्री जमा कर पा ली सरकारी नौकरी

पटना । राजधानी में फेक डिग्री जमाकर भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में सरकारी नौकरी पाने का मामला प्रकाश में आया है। शास्त्रीनगर थाने में गुरुवार को बीटेक की फर्जी डिग्री जमा कर सरकारी नौकरी प्राप्त करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। सहायक बंदोबस्त अधिकारी अशोक कुमार ने थाने में लिखित शिकायत की है।

शिकायत में उन्होंने बताया कि भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय द्वारा विज्ञापन से संविदा पर विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी पद पर नियुक्ति के लिए सिविल इंजीनियर डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किया गया था। अन्य अभ्यर्थियों के साथ 14 जून 2019 को काउंसलिंग में सीतामढ़ी निवासी कुणाल किशोर वर्मा ने बीटेक का प्रोविजनल सर्टिफिकेट 2011, क्रमांक संख्या 062227 बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी का जमा किया था।

ऑनलाइन आवेदन में कुणाल किशोर ने काउंसलिंग में सर्टिफिकेट जमा की। सर्टिफिकेट की जांच के लिए बुंदेलखंड विवि झांसी को भेजा गया। जांच के बाद विवि ने कुणाल के उक्त क्रमांक संख्या के सर्टिफिकेट को फर्जी बताया। इसके बाद कुणाल के खिलाफ शास्त्रीनगर थाने में केस दर्ज किया गया। मामले को लेकर शास्त्रीनगर थाने के प्रभारी विमलेंदु कुमार ने बताया कि फर्जीवाड़े की जांच की जा रही है। आरोपित कुणाल मूलरूप से सीतामढ़ी के बैरगनिया, बेंगही थाना क्षेत्र के मसहां नरोत्तम गांव निवासी ललन प्रसाद का बेटा है।

भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय में फर्जीवाड़े का भंडा फूटने से अधिकारी व कर्मचारी सकते में हैं। बताते चलें कि कुछ दिन पहले मुख्य सचिव ने एक बैठक में बड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था। निदेशालय से मिले सूत्र के अनुसार फेक डिग्री जमाकर नौकरी पाने वाले के मामले का खुलासा होने से कई और की गर्दन फंस सकती है। कुछ और अभ्यर्थियों की डिग्री फर्जी हो सकती है। इसके लिए प्रमाण पत्र का सत्यापन किया जा रहा है। जैसे-जैसे खुलासा होगा अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने की बात सामने आ रही है।

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