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फरीदाबाद की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को सरकार ने गुडन्यूज, जीपीएस से मिलेगा बिजली कनेक्शन, क्या है नियम

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प्रदेश सरकार के आदेश पर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने इस माह अवैध कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन देने की नीति जारी कर दी है। हालांकि अवैध कॉलोनी की रजिस्ट्री भी नहीं है, न ही कॉलोनियों का नामकरण हुआ है। इस वजह से बिजली निगम जीपीएस लोकेशन को आधार बनाकर बिजली कनेक्शन देने की तैयारी कर रहा है। दो दिसंबर को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मुख्यालय ने अवैध कॉलोनियों और स्लम बस्तियों में बिजली कनेक्शन देने का आदेश जारी कर दिया था।

इसके बाद शहर की अवैध कॉलोनियों में प्लॉट लेने वाले हजारों लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई थी। इसके साथ ही बिजली निगम के अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली थी। इस आदेश के बाद लोगों ने बिजली निगम के उपमंडल कार्यालयों में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन देने शुरू कर दिए हैं। आवेदन मिलने के बाद अब विभागीय अधिकारियों के सामने आवेदक के पते को लेकर समस्या आ रही है। अवैध होने के कारण अभी इन कॉलोनियों का नामकरण नहीं हुआ है। प्लॉटों की रजिस्ट्री भी नहीं हुई है। इस वजह से राजस्व रिकॉर्ड भी नहीं है।

कॉलोनियों और इनके प्लॉट धारकों का नगर निगम के पास भी रिकॉर्ड नहीं है। नगर निगम के पास भी इनका रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में यदि आवेदन के आधार पर ही यहां पर कनेक्शन जारी हो गए तो भविष्य में बिजली बिल की वसूली में समस्या खड़ी होगी। वहीं अवैध कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन देने से 10 मेगावाट तक बिजली का लोड बढ़ेगा।

जेई मौके पर सत्यापन करेंगे

बिजली निगम इस समस्या से निपटने के लिए प्लॉट की जीपीएस लोकेशन को आधार बनाने पर विचार कर रहा है, ताकि सरकार की नीति पर अमल किया जा सके। इलाके के जेई कॉलोनियों में जाकर जीपीएस लोकेशन लेकर सत्यापित करेंगे। बिजली निगम अवैध कॉलोनियों में लगने वाले बिजली खंभों की जीआईएस (जियोग्राफिक इनफोर्मेशन सिस्टम) कोडिंग करेगा।

बिजली कनेक्शन लेने के नियम

बिजली कनेक्शन के लिए जमीन के मालिकाना हक का दस्तावेज होना चाहिए। इसके बाद बिजली निगम की वेबसाइट पर आवेदन किया जाता है। इसके अलावा लोड के लिए निर्धारित शुल्क जमा किया जाता है।

ट्रांसफार्मर और खंभे के खर्च को लेकर उलझन

वैध इलाकों में बिजली निगम अपने स्तर पर बिजली का आधारभूत ढांचा विकसित करता है या संबंधित बिल्डर या एजेंसी से बिजली का आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए कहता है। लेकिन, अवैध कॉलोनियों में बिजली कनेक्शन देने से पहले बिजली लाइन खींचने के लिए विभाग की ओर आवेदकों से ही बजट लिया जाता है। अब सरकार की ओर से कनेक्शन देने का आदेश आया है तो विभागीय अधिकारी उलझन में हैं कि बिजली निगम अपने खर्चे पर पर इन कॉलोनियों में लाइन खड़ी करेगा या फिर बिजली कनेक्शन के लिए आवेदकों से शुल्क ले। उधर, बिजली निगम की वेबसाइट में भी अवैध कॉलोनियों में कनेक्शन देने के लिए सुधार की कार्रवाई चल रही है।

डीएचबीवीएन के अधीक्षण अभियंता नरेश कुमार कक्कड़ ने कहा, ‘अवैध कॉलोनियों का नगर निगम और राजस्व विभाग के पास इनका रिकॉर्ड नहीं है। यह एक समस्या है। इस वजह से जीपीएस लोकेशन के आधार पर कनेक्शन देने की तैयारी की जा रही है। दूसरा, अवैध कॉलोनियों में बिजली के आधारभूत ढांचे के विकास के बजट को लेकर भी निर्णय होना है।’

NEWS SOURCE : livehindustan

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