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किसी बड़ी बीमारी का संकेत तो नहीं, गर्दन चटकाने पर क्‍यों मिलता है आराम? क्‍या ये सही है

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ज्‍यादातर लोगों ने देखा होगा कि बचपन जब लोग हेयर कट लेने के लिए सैलून जाते हैं, तो कटिंग करने वाले बाद में गर्दन को हल्‍का सा झटका देते हैं. इससे गर्दन चटकने की हल्‍की सी आवाज आती है. शरीर की किसी दूसरी मांसपेशी के चटकने पर दर्द का अहसास होता है, लेकिन गर्दन चटकने पर राहत मिलती है. लोगों को काफी आराम महसूस होता है. वहीं, लंबे समय तक कंप्‍यूटर पर काम करने वालों को गर्दन में अकड़न महसूस होने लगती है. ऐसे में कुछ लोग खुद ही अपनी गर्दन चटका लेते हैं. इससे उन्‍हें आराम मिलता है. क्‍या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्‍यों होता है?

लंदन में जनरल प्रैक्टिसनर डॉक्‍टर निश मानेक के मुताबिक, जब जोड़ों के बीच मौजूद लुब्रिकेंट सिनोवियल फ्लूइड में बब्‍बल्‍स बनते हैं तो गर्दन या दूसरे जोड़ों में दर्द या अकड़न होती है. डॉ. मानेक कहते हैं कि सिनोवियल फ्लूइड में बनने वाले बुलबुले कार्बन डाइऑक्‍साइड, नाइट्रोजन और ऑक्‍सीजन से मिलकर बनते हैं. ऐसे में जब कोई आपकी गर्दन को हल्‍की मसाज के बाद झटका देता है तो ये बुलबुले अकड़ी हुई मांसपेशियों के बीच से तेजी से निकलते हैं. गर्दन को झटका देने पर चटकने की आवाज इसी कारण आती है.

गर्दन चटकाने पर क्‍यों मिलती है राहत?
जब आप सामान्‍य तौर पर गर्दन को दायें-बायें या ऊपर-नीचे करते हैं तो भी चटकने की आवाज आती है. शरीर के जोड़ों में अकड़न वाली जगह से बुलबुले निकलने पर मांसपेशियों ढीली हो जाती हैं. ऐसे में गर्दन, उंगलियां या कमर से चटकने की आवाज आने पर लोगों को राहत मिलती है. हालांकि, गर्दन चटकाने से पहले अपनी मसल्‍स को थोड़ा ढीला करना जरूरी होता है. इसके लिए पहले गर्दन की हल्‍के हाथों से मसाज करें और स्‍ट्रेच करें. इसके बाद अपनी ठोड़ी (Chin) को सीने की तरफ ज्‍यादा से ज्‍यादा झुकाएं. फिर सिर को वापस ऊपर करें और छत की तरफ देखें. इसके बाद आप अपनी गर्दन को आराम से चटका सकते हैं.

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गर्दन चटकाने से पहले अपनी मसल्‍स को थोड़ा ढीला करना जरूरी होता है. (File Photo)

कब लेनी चाहिए डॉक्‍टर की सलाह?
गर्दन को ढीला किए बिना चटकाने की कोशिश दिक्‍कत पैदा कर सकती है. इससे मांसपेशियों में खिंचाव या चोट लग सकती है. अगर गर्दन चटकाने के बाद भी आराम नहीं मिलता तो बेहतर होगा कायरोप्रेक्‍टर, ऑस्टियोपैथ या किसी दूसरे डॉक्‍टर को जरूर दिखा लें. अगर आप अक्‍सर अपनी गर्दन चटकाते हैं तो ये बात डॉक्‍टर को बताना ना भूलें. डॉक्‍टरों के मुताबिक, गर्दन का कभी-कभी चटकना सामान्‍य बात है, लेकिन अगर ये अक्‍सर होता है तो चिकित्‍सक से परामर्श लेना ही चाहिए. हो सकता है कि आपको स्‍पॉन्‍डेलाइटिस या गठिया के कारण दर्द रहता हो, जिसका इलाज जरूरी है.

गर्दन चटकाना नुकसानदायक भी
अगर आपको गर्दन का दर्द ठीक करने के लिए बार-बार चटकाने की आदत है तो सतर्क हो जाएं. ये आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. कई बार गर्दन चटकाने पर धमनी के अंदर की परत पर मामूली कट भी लग सकता है. इससे खून के थक्‍के बन सकते हैं. ये रक्‍त के थक्‍के या तो दिमाग की ओर जाएंगे या हृदय की ओर. दोनों ही हालात में ये दोनों अंगों में रक्‍त प्रवाह को प्रभावित करते हैं. ऐसे में प्रभावित अंग में ऑक्‍सीजन की आपूर्ति ठीक से नहीं होगी.

लिगामेंट में लगी चोट तो होगी दिक्‍कत
दो कशेरुका धमनियां मिलकर बेसिलर धमनी बनाती हैं. बेसिलर धमनी मस्तिष्‍क में रक्‍त की आपूर्ति के लिए जिम्‍मेदार होती है. गर्दन में तेज झटका आने या बार-बार चटकाने से इसमें खिंचाव या कट लग सकता है. इसके साथ ही बार-बार गर्दन चटकाने से लिगामेंट कमजोर पड़ सकते हैं. ये लिगामेंट ही कशेरुकाओं के बीच जोड़ों को पकड़कर रखते हैं. अगर लिगामेंट में गर्दन चटकाने पर चोट लगती है तो दिक्‍कत बढ़ सकती है. बेहतर होगा कि अगर आपकी गर्दन में दर्द रहता है तो तकिया का इस्‍तेमाल ना करें. साथ ही सुबह उठने के बाद गर्दन को सभी दिशाओं में धीमे-धीमे घुमाएं. इससे आपकी गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होंगी और दर्द खत्‍म होगा l

NEWS SOURCE : news18

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