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बंद होगी वित्तीय संस्थानों की दबंगई, लोन रिकवरी एजेंट करे परेशान, तो तुरंत करें ये काम

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बीते कुछ सालों में भारत के शहरों में फ्लैट कल्चर (Flat Culture) का तेजी से विकास हुआ है. लोग अब घर बनाने के बजाय फ्लैट खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं. इस कारण होम लोन (Home Loan) लेने वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. रेगुलर इनकम और अच्छा सिबिल स्कोर (CIBIL Score) रहने पर बैंक आसानी से लोन दे देते हैं.

हालांकि, रूस और यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में महंगाई तेजी से बढ़ी है. महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आरबीआई ने कई बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है जिसके चलते पर्सनल लोन और होम लोन लेना महंगा हो गया है. ऐसे में जिन लोगों ने पर्सनल लोन या होम लोन ले रखा है, उनकी ईएमआई भी काफी बढ़ गई है.

 

इससे लोगों की जेब पर लोन का बोझ बढ़ रहा है. कई बार देखा जाता है कि लोन न चुका पाने की स्थिति में वित्तीय संस्थाओं द्वारा लोन लेने वाले व्यक्ति के पास रिकवरी एजेंट को भेजा जाता है. रिकवरी एजेंट लोन चुकाने के लिए लोगों को डरा-धमका कर वसूली करने की कोशिश करते हैं. कई बार तो लोन लेने वाले से मारपीट और घर को नुकसान भी पहुंचाया जाता है.

अगर आपने भी किसी वित्तीय संस्थान से लोन ले रखा है और EMI न चुकाने के कारण रिकवरी एजेंट द्वारा आपको परेशान किया जा रहा है तो ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नहीं है. आप इसकी शिकायत कर सकते हैं.

 

लोन की EMI न चुकाना सिविल विवाद के दायरे में आता है. ऐसे में डिफॉल्टर के साथ वित्तीय संस्थान किसी भी प्रकार की मनमानी या जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते.

 

आरबीआई की गाइडलाइन्स के मुताबिक, लोन रिकवरी एजेंट डिफॉल्टर से वसूली करने के लिए प्रताड़ित करने, धमकाने और हाथापाई करने जैसे काम नहीं कर सकते. अगर कोई रिकवरी एजेंट ऐसा करे तो आप इसकी शिकायत पुलिस में कर सकते हैं या इसकी लिखित शिकायत आरबीआई से कर सकते हैं.

NEWS SOURCE : news18

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