Delhi Sunita Sehrawat murder case: 7 साल बाद डायरी ने खोला एंजेल का राज, डायरी में लिखा था कुछ ऐसा
Delhi Sunita Sehrawat murder case: After 7 years the diary revealed Angel's secret, something like this was written in the diary

Delhi Sunita Sehrawat murder case: दिल्ली की चकाचौंध भरी पार्टियों से शुरू हुई एक मॉडल की कहानी, आखिरकार तिहाड़ की सलाखों में कैद एक खौफनाक अंजाम तक पहुंची. यह कहानी है शशि प्रभा की, जो ग्लैमर की दुनिया में ‘एंजल गुप्ता’ बन गई. पर्दे पर धोखा, इश्क और कत्ल जैसे किरदार निभाने वाली एंजल ने असल जिंदगी में एक ऐसा अपराध कर डाला, जो आज भी रूह को कांपने पर मजबूर कर देता है. साल 2016 की सर्दियों में, दिल्ली के एक नाइट क्लब में एंजल की मुलाकात 35 साल मंजीत से हुई. रंग-बिरंगी लाइटों के बीच ऐंजल और मंजीत के बीच काफी गहरा रिश्ता बन गया. दोनों एक दूसरे को खूब पसंद करने लगे. एंजल की मां ब्रिटिश और पिता भारतीय थे. दिल्ली में जन्मी शशि प्रभा, बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने मुंबई पहुंची और ग्लैमर इंडस्ट्री में खुद को ‘एंजल गुप्ता’ के नाम से पेश किया. लंदन में रहने और विदेश में काम करने का झूठ बोलकर उसने खुद को हाई-प्रोफाइल मॉडल साबित किया. करीब 20 आइटम सॉन्ग और कुछ छोटे किरदारों के बाद एंजल को लगा था कि उसने बॉलीवुड की सीढ़ियां चढ़ ली हैं. लेकिन मुंबई का झूठा सपना जल्द ही टूट गया. एंजल का करियर डूबने लगा पैसों की तंगी ने घेर लिया. वह दिल्ली लौट आई, जहां 50,000 रुपये का किराया तक देना मुश्किल हो गया.
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डायरी में लिखा था कुछ ऐसा
इसी दौरान एंजल के अकेलेपन ने उसे मंजीत के और भी करीब ला दिया और वो मंजीत से अब शादी करना चाहती थी. लेकिन मंजीत पहले से शादीशुदा था, उसकी पत्नी सुनीता एक स्कूल टीचर थी और दो बच्चों की मां थी. जब एंजल ने रिश्ते को शादी में बदलने की जिद की तो सुनीता ने तलाक देने से इनकार कर दिया. उसने मंजीत से अफेयर खत्म करने को कहा और अपने दर्द को एक डायरी में दर्ज करने लगी. एंजल को कुछ नहीं समझ आ रहा था, उसे अब मंजिल पाने का एक ही रास्ता दिखा सुनीता का अंत. उसने अपने सौतेले पिता राजीव से मदद मांगी. राजीव के ड्राइवर दीपक ने दो शूटरों से संपर्क किया. 10 लाख की सुपारी तय हुई और ढाई लाख एडवांस देकर बाकी घटना को अंजाम देने के बाद कहा. सुनीता का मर्डर करने के लिए हत्यारे ने हफ्तों तक रिहर्सल की. एंजल ने खुद स्कूटी पर बैठकर सुनीता की जगह खुद को रख के देखा कि वो रोजाना कहां-कहां जाती है. पहली कोशिश करवा चौथ के दिन 25 अक्टूबर 2018 को हुई, जो असफल रही. लेकिन एंजल इस कदर प्यार में पागल हो गई थी की उसे कुछ सूज ही नहीं रहा था.
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शूटरों को इशारा किया… फिर
29 अक्टूबर की सुबह सुनीता जैसे ही स्कूल जाने के लिए निकली, मंजीत ने शूटरों को इशारा किया. राजीव और दीपक पास ही मौजूद थे. सुनीता को दरियापुर पुलिस चौकी के पास गोलियों से भूनकर हत्यारे फरार हो गए. पुलिस ने सबूतों, बैंक ट्रांजेक्शन, कॉल रिकॉर्ड्स, मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज के दम पर जांच की. लेकिन असल सबूत निकला सुनीता की डायरी, जिसे उसकी बेटी ने पुलिस को सौंपा. इस डायरी में दर्ज दर्द, शक और मंजीत का असल चेहरा, वो सब कुछ लिखा हुआ था जो सुनीता महसूस कर रही थी. आखिरकार एंजल, मंजीत, राजीव, दीपक और दोनों शूटर गिरफ्तार हुए. सात साल लंबी कानूनी कार्रवाई के बाद, 28 अप्रैल 2025 को अदालत ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया और तीन दिन बाद उम्रकैद की सजा सुना दी. अब एंजल और मंजीत तिहाड़ की सलाखों के पीछे हैं. सुनीता के बच्चों के लिए मां की यादें जिंदा हैं, लेकिन अदालत का फैसला उन्हें थोड़ी राहत जरूर दे गया.
NEWS SOURCE Credit : news18