केरल और दिल्ली के बाद अब राजस्थान में भी मिले संदिग्ध, क्या कोरोना की तरह कहर बरपाएगा मंकीपॉक्स
देश में सोमवार को मंकीपाक्स के एक और मामले की पुष्टि हुई। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में 35 साल एक नाइजीरियाई व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई। देश में मंकीपॉक्स का यह छठा मामला है। दूसरी ओर देश में मंकीपॉक्स से मौत केरल में दर्ज की गई। दूसरी ओर राजस्थान में मंकीपाक्स के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं। दोनों मरीजों को जयपुर स्थित राजस्थान स्वास्थ्य विश्वविद्यालय के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
दिल्ली में दूसरा केस
दिल्ली में सोमवार को मंकीपॉक्स का दूसरा मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों ने बताया कि जिस नाइजीरियाई व्यक्ति में मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई, उसका हाल के दिनों में विदेश यात्रा करने का कोई इतिहास नहीं है। मंकीपॉक्स से संक्रमित नाइजीरियाई व्यक्ति को एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दिल्ली में एलएनजेपी मंकीपॉक्स के संक्रमण के इलाज के लिए नोडल अस्पताल के तौर पर घोषित किया गया है।
पांच दिन से बुखार से पीड़ित था मरीज
आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी पीटीआइ को बताया कि नाइजीरियाई व्यक्ति पिछले पांच दिनों से बुखार से पीड़ित था। मरीज के शरीर पर दाने भी हैं। इस शख्स के नमूने पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट सोमवार शाम को आई जिसमें मंकीपॉक्स के संक्रमण की पुष्टि हुई।
राजस्थान में दो संदिग्ध केस
राजस्थान में अस्पताल के अधीक्षक डा. अजीत सिंह ने बताया कि 20 वर्षीय युवक रविवार देर रात किशनगढ़ अस्पताल से रेफर होकर यहां आया है। वह बेंगलुरू में पढ़ाई करता है। पिछले दिनों अपने घर आया हुआ था। उसे बुखार आने और शरीर में दाने नजर आने पर संदिग्ध मानते हुए जयपुर रेफर किया गया था। युवक की अभी कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि युवक की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो सकेगा कि वह मंकीपाक्स वायरस से पीडित है या फिर उसको चिकनपॉक्स है।
देश में मंकीपाक्स से पहली मौत
इस बीच देश में मंकीपाक्स से पहली मौत की पुष्टि हुई है। समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने यूएई से केरल लौटे युवक की मौत की आधिकारिक पुष्टि की गई है। मंकीपाक्स से मौत का यह भारत और एशिया का पहला मामला है। दूसरी ओर केंद्र सरकार भी मंकीपॉक्स को लेकर सतर्क हो गई है। सरकार ने मंकीपाक्स के मामलों पर निगरानी रखने और उसकी रोकथाम के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया है। दुनिया में मंकीपॉक्स से अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है।
निगरानी मजबूत करने की सलाह
अब तक 78 देशों में मंकीपॉक्स के 18,000 से ज्यादा केस मिल चुके हैं जबकि डब्ल्यूएचओ इसको लेकर 23 जुलाई को ही वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर चुका है। वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की ओर से देश में पहली मंकीपॉक्स मौत की पुष्टि के बाद, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने वायरस को चुपके से फैलने से रोकने के लिए निगरानी को मजबूत करने की सलाह दी है।
…नहीं किए उपाय तो बिगड़ सकते हैं हालात
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कोल्लम के सरकारी मेडिकल कॉलेज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के प्रमुख डॉ. पीएस इंदु ने कहा कि यह निश्चित रूप से निगरानी और जांच के दायरे को मजबूत करने का समय है। यह जानने के लिए कि हमारे आसपास क्या हो रहा है, हमें आंकड़ों की आवश्यकता है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो वायरस का फैलाव बढ़ेगा। फिर लोग जटिलताओं के साथ अस्पताल पहुंचेंगे। इस दिशा में सभी देशों को कार्रवाई करनी होगी और महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ एकदूसरे से आंकड़े साझा करने होंगे।
विशेषज्ञोंं ने किया आगाह, चुपके से फैल रहा वायरस
वहीं समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि मंकीपॉक्स के मामले भारत में अनियंत्रित रूप से फैल रहे हैं। कोविड-19 पर आईएमए के राष्ट्रीय टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने कहा कि देश में और भी मामले आने की आशंका है। एक अन्य संक्रामक रोग विशेषज्ञ ईश्वर गिलाडा ने कहा कि इस बीमारी के नाम से जुड़ा एक कलंक है… शायद यही लोगों को जांच के लिए आगे आने में एक बड़ी बाधा के रूप में काम कर रहा है।
WHO ने यौन संबंध से फैलने की बात नकारी
गिलाडा ने सुझाव दिया कि सरकार को परीक्षण में तेजी लाने के लिए काम करना चाहिए जैसा कि उसने कोविड-19 महामारी के दौरान किया था। दूसरी ओर विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने उन अफवाहों को खारिज कर दिया है कि मंकीपाक्स समलैंगिक समुदाय या पुरुषों के बीच यौन संबंध से फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया कि संक्रमितों के सीधे संपर्क में आने वाले किसी भी व्यक्ति को यह संक्रमण अपनी चपेट में ले सकता है। विशेषज्ञों ने जांच किट से टेस्ट कराने पर भी फोकस करने की सलाह दी है।
NEWS SOURCE : jagran