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जानिये- चौथी लहर के लिए कितनी तैयार है दिल्ली, 24 घंटे में आए 1000 केस

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दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा होना जारी है। बुधवार को 24 घंटे के दौरान दिल्ली में 1000 से अधिक कोरोना के मामले सामने आए हैं, जो चिंता बढ़ाने वाले हैं। इस बीच राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बुधवार को दिल्ली सरकार ने दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के साथ बैठक की। इसमें कोरोना मरीजों के लिए बेड, अब तक हुए टीकाकरण, भंडार में उपलब्ध टीके की डोज, उपलब्ध दवाएं, आक्सीजन भंडारण सहित अन्य संसाधनों की जानकारी दी गई। साथ ही दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के मामलों, अस्पताल में भर्ती मरीजों, होम आइसोलेटेड मरीज, वेंटिलेटर और आक्सीजन सपोर्ट मरीजों के आंकड़े भी साझा किए गए।

इसमें यह भी बताया गया कि 18 साल से ऊपर के 92 प्रतिशत लोगों को, 15 से 17 साल तक के 77 प्रतिशत किशोरों को और 12 से 14 साल तक के तीन प्रतिशत बच्चों को कोरोनारोधी टीके की दोनों डोज लग चुकी हैं। साथ ही पांच लाख 89 हजार लोगों को सतर्कता डोज भी लगाई जा चुकी है। अभी सरकार के भंडार में टीके की 17 लाख 38 हजार डोज हैं। इनमें कोविशील्ड की सात लाख 16 हजार, को-वैक्सीन की तीन लाख 25 हजार और कोर्बेवैक्स की छह लाख 97 हजार डोज हैं। दिल्ली में 37 हजार में से 31 हजार 622 बेड तैयार हो चुके हैं।

 

वहीं, आक्सीजन भंडारण क्षमता 991.51 मीटिक टन की जा चुकी है।15 हजार 115 आक्सीजन सिलेंडर, अस्पतालों में आक्सीजन के 97 पीएसए (प्रेशर स्विंग एडजाप्र्शन) प्लांट, दो क्रायोजेनिक बाटलिंग प्लांट लगाए जा चुके हैं। इनसे प्रतिदिन 1400 बड़े सिलिंडर भरे जा सकते हैं।इसके साथ ही रेमडेसिविर की एक लाख नौ हजार से ज्यादा डोज उपलब्ध हैं, जबकि पोस्ट कोविड समस्या ब्लैक फंगस के इंजेक्शन एंफोटेरिसिन बी की 23 हजार 884 डोज सहित दूसरी दवाएं भी उपलब्ध हैं। दूसरी लहर के दौरान इन दवाओं की भारी कमी देखी गई थी। 305 एंबुलेंस भी दिल्ली सरकार के पास तैयार हैं।

 

इस साल मार्च तक कोरोना से मरने वाले 578 में से 560 में ओमिक्रोन

जनवरी से मार्च के बीच राजधानी में कोरोना से जान गंवाने वाले 578 लोगों में से 560 की मौत का कारण ओमिक्रोन वैरिएंट था। इनके सैंपल की सरकार द्वारा कराई गई जीनोम सीक्वेंसिंग में इसकी पुष्टि हुई है। बाकी 18 सैंपल में डेल्टा सहित अन्य वैरिएंट पाए गए। इसी तरह अभी तक अप्रैल में लिए गए 142 सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए वसंत विहार स्थित यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान की लैब में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने पर पता चलेगा कि दिल्ली में इस समय बढ़ रहे कोरोना के मामलों में कौन सा वैरिएंट है।

 

source news: jagran

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