मुख्यमंत्री की पत्नी को पार्टी दे सकती है ये भूमिका, केजरीवाल जल्द नहीं आए बाहर तो क्या रहेगी AAP की रणनीति
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ही हैं जो पार्टी को एकजुट बनाए रख सकती हैं और पार्टी के कार्यकर्ता चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थित में वह अपनी सक्रियता बढ़ाएं। यह आंकलन आप के प्रमुख रणनीतिकारों का है। इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी रणनीति तैयार कर रही है। पार्टी की योजना सीएम की गिरफ्तारी को मुद्दा बनाकर पर जनता से सहानुभूति लेने का लक्ष्य है।
चुनाव प्रचार में गिरफ्तारी पर रहेगा फोकस
पार्टी सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए सीएम की गिरफ्तारी पर फोकस रहेगा। चुनाव प्रचार के दौरान ईडी के आरोपों के तार्किक जवाब भी स्टार प्रचारकों की प्राथमिकता में शामिल रहेंगे। इलेक्टोरल बॉन्ड से भाजपा को मिले पैसा चुनाव प्रचार में बड़ा मुद्दा रहेगा। वहीं, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि चुनाव प्रचार में मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल को भी चुनाव प्रचार में उतारने की कोशिश की जा रही है।
सबसे बुरे दौर से गुजर रहा संगठन
आप की बात करें तो यह संगठन इस समय गठन के बाद से अभी तक के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। आप के 12 साल के कार्यकाल में यह पहली बार आया है जब पार्टी के मुखिया ही गिरफ्तार हो चुके हैं और उनके जल्द बाहर आने की संभावना भी नहीं दिख रही है।
कार्यकर्ताओं का टूटा मनोबल
कार्यकर्ताओं का मनोबल इसी मामले में पहले से बंद पार्टी के दो बड़े नेताओं के कारण भी टूट रहा है। उन्हें इस बात का अहसास है कि सीएम भले ही कह रहे हों कि जल्द जेल से वापस आ जाएंगे, मगर उन्हें यह इतना आसान नहीं लग रहा है। जेल से केजरीवाल सरकार चला भी पाएंगे और कितने दिन चला पाएंगे यह भी अभी स्पष्ट नहीं है।
आप के सामने तीन चुनौतियां
स्थिति का आंकलन करें तो आप के सामने इस समय तीन चुनौतियां हैं। एक केजरीवाल को कैसे जेल से वापस लाया जाए, आप की पूरी ताकत इसी में लगी हुई है। आप केजरीवाल को केंद्रीय जांच एजेंसियों के शिकंजे से वापस निकालने के लिए जूझ रही है। दूसरी चुनौती इस संकट के समय संगठन को एकजुट बनाए रखने का है।
चुनाव प्रचार पर बड़ा संकट
तीसरी चुनौती इस समय चल रहे लोकसभा चुनाव को लेकर है। चुनाव प्रचार के लिए आप जिसे चमत्कारी नेता मानती है वह केजरीवाल जेल में हैं। पार्टी के तीह अन्य नेताओं के जेल में होने के कारण पार्टी के सामने चुनाव प्रचार तक का संकट खड़ा हो गया है। आप के लोकसभा प्रत्याशी चुनावी समर में जूझ रहे हैं।
इस समय पार्टी का केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसा एक भी प्रभावशाली नेता उनके साथ नहीं है। ले देकर संदीप पाठक, आतिशी और सौरभ भारद्वाज चुनाव प्रचार के लिए हैं। अगर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की बात की जाए तो दिल्ली और दूसरे राज्यों को कितना समय दे पाएंगे अभी कहना मुश्किल है।
उनके लिए पंजाब से अपने प्रत्याशी जिताने की भी चुनौती है। ऐसे समय में लोकसभा प्रत्याशियों को सुनीता केजरीवाल से ही उम्मीद है। हालांकि आप रणनीतिकारों का मानना है कि सीएम केजरीवाल की गिरफ्तारी से आप के साथ जनता की बड़ी सहानुभूति देखी जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी एक क्षेत्र में ही नहीं दिल्ली भर और दूसरे राज्यों से भी ऐसी खबरें आ रही हैं। आप सूत्रों का कहना है कि पूरी संभावना है कि सुनीता केजरीवाल आप के प्रत्याशियों के लिए चुनावी मंच पर आएंगी।
NEWS SOURCE : jagran