Success Story: हर महीने कमा रहा करोड़ों रुपये, सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी छोड़ शुरु किया ये बिजनेस
Success Story: Earning crores of rupees every month, left the job of a security guard and started this business

Success Story: कड़ी मेहनत करने वाला व्यक्ति एक न एक दिन सफलता हासिल जरुर करता है। आज हम आपको ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी बेंगलुरु में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था। अपनी मेहनत और लगन से आज करोड़ों का मालिक है। आइए जानते हैं दिगंता दास सफलता की कहानी।
गरीब परिवार में हुआ जन्म
दिगंता दास का जन्म असम के एक गरीब परिवार में हुआ था। वह असम के बिस्वनाथ जिले के दक्षिण बोरघुली से हैं। तीन भाई-बहनों में दिगंता सबसे छोटे और इकलौते बेटे हैं। उनकी मां सुमिला दास गृहिणी हैं, जबकि पिता नरेन दास किसान थे। दिगंता ने गोपालपुर नेहरू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने 2001 में मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने कम उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था और अपने परिवार की मदद करने लगे थे।
बेंगलुरु में की सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी
अपने गृहनगर में नौकरी के कम अवसर होने के कारण दिगंता दास 2011 में नौकरी की तलाश में बेंगलुरु चले गए। उन्होंने एक साल तक होटल में सुरक्षा गार्ड और रूम सर्विस बॉय के रूप में काम किया। 2012 में वह बेंगलुरु के होसकोटे में iD Fresh Food से जुड़ गए। इडली-डोसा बैटर बेचने से शुरुआत करने वाली iD Fresh Food आज इंस्टेंट फूड सेगमेंट में एक बड़ा ब्रांड है जो पराठा, चपाती, चटनी, दही, ब्रेड और अन्य चीजें बेचती है।
काम सीखने का मिला मौका
दिगंता आईडी फ्रेश फूड में मैनुअल वर्कर के रूप में कार्यरत थे। उनके काम में वैन से सामान उतारना, झाड़ू लगाना और बर्तन धोना शामिल था। जब कुछ कर्मचारी एक महीने की छुट्टी पर चले गए तो मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट के अंदर दिगंता दास के लिए जगह खाली हो गई। उन्हें पैकेजिंग करने के लिए कहा गया। बाद में उन्हें आटा ‘मिक्स’ करने की ट्रेनिंग दी गई। उन्होंने तीन महीने तक मिक्सिंग का काम किया। फिर उन्हें मल्टी-लेयर पराठा रोल करने के लिए प्रमोट किया गया। वह अपने काम के प्रति ईमानदार थे। जिस काम के लिए उन्हें रखा गया था, वह सब पूरा कर देते थे। उनकी ईमानदारी ने सीनियर्स का ध्यान खींचा। वहां काम करते हुए उन्हें पराठा बनाने में दिलचस्पी पैदा हुई। उन्होंने पूरी प्रक्रिया को शुरू से समझ लिया।
2017 में शुरू किया अपना बिजनेस
बेंगलुरु में ही काम करते हुए दिगंता को मालाबार पराठा बहुत पसंद आया। उन्हें लगा कि असम के लोगों को भी यह पसंद आएगा। दिगंता ने वापस असम आकर अपने दोस्त के साथ मिलकर 2017 में ‘डेली फ्रेश फूड’ नाम से पैक्ड पराठा का बिजनेस शुरू किया। असम के लोगों को दिगंता के मुलायम और कुरकुरे पराठे बहुत पसंद आए। देखते ही देखते उनकी हर महीने 50 लाख रुपये की कमाई होने लगी। दिगंता अब अपने बिजनेस को और बढ़ाना चाहते हैं। इसके लिए वह नए-नए प्रोडक्ट्स भी लाना चाहते हैं।
NEWS SOURCE Credit : chopaltv.com