एक्सपर्ट दे रहीं सलाह, 6 महीने से ऊपर बच्चों को कैसे पिलाएं पानी
Experts are giving advice on how to feed water to children above 6 months

बच्चे के जन्म से लगभग 6 महीने तक बेबी को ब्रेस्ट या फॉर्मूला मिल्क से हाइड्रेशन मिलता है। वहीं 6 महीने के बाद जब बच्चों को ठोस डायट देना शुरू किया जाता है, तभी से उन्हें पानी भी पिलाना शुरू कर देना चाहिए। लेकिन अक्सर पेरेंट्स इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा पानी अच्छे से नहीं पी रहा है। अगर आप भी बच्चे के हाइड्रेशन को लेकर परेशान रहते हैं तो इंस्टाग्राम पर बच्चों की डॉक्टर यानी डॉ. माधवी भारद्वाज की सलाह आपको जरूर सुननी चाहिए।
क्या कहती हैं एक्सपर्ट
डॉ. माधवी का कहना है कि जब उनकी छोटी बेटी 5 महीने की थी तो उन्हें पानी पीता देख बहुत उत्सुक हो जाती थी और ग्लास से पानी पीने की कोशिश करती था। अक्सर बच्चे पेरेंट्स को देखकर ऐसा करने की कोशिश करते हैं। लेकिन 6 महीने के बाद जब उन्हें पानी दिया जाता है तो वह क्यों इसे पीने से बचते हैं? इस पर एक्सपर्ट ने बताया की पेरेंट्स बच्चे को अपने हिसाब से पानी देने के चक्कर में बेबी को पानी से खेलने या एक्सपेरिमेंट करने से रोकते हैं। जिसकी वजह से बच्चे पानी से कनेक्शन नहीं बना पाते और चिढ़चिढ़े होकर पानी का कप या ग्लास देखकर रोने लगते हैं। पेरेंट्स को फोर्स फीडिंग से बचना चाहिए। ऐसे में एक्सपर्ट ने 5 बातें बताई हैं जिसका आपको ध्यान रखना चाहिए।
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1) जब भी आप पानी पीएं बच्चे को पानी पिलाएं या फिर उसे कहें कि देखो में पानी पी रहा हूं और ये कितना टेस्टी है या मस्त है। इस तरह की बातों से आप बच्चे को पानी पीने के लिए एक्साइट कर सकते हैं।
2) बच्चे को पानी पीने के लिए फोर्स न करें और न ही बच्चे के लिए पानी पीने की मात्रा सेट करें।
3) यूरीन आउटपुट चेक करें। एक साल तक बच्चे को हाइड्रेशन दूध ही दे रहा होता है और बच्चा पानी के टेस्ट को डेवलप कर रहा होता है।इसके लिए किसी बच्चे को 10 दिन लग सकते हैं या फिर किसी को 10 महीने लगते हैं।
4) गर्मियों में पसीना ज्यादा आता है, और बच्चा यूरिन कम कर सकता है। लेकिन अगर वह 6 से 8 बार यूरिन पास कर रहा है तो ठीक है।
5) जबरदस्ती पानी पिलाने के चक्कर में आप बच्चे को बोतल न दें। बल्कि ओपन सर्फेस वाली चीजें जैसे कप, ग्लास, कटोरी में पानी दें।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी चिकित्सीय स्थिति के बारे में किसी भी सवाल के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।
NEWS SOURCE Credit : livehindustan