20 साल की अनाथ लड़की के लिए अधिकारी बनीं फरिश्ता, मां छोड़कर भागी, दादी ने 5 लाख में बेचा
Officer became an angel for a 20-year-old orphan girl, her mother left her and ran away, her grandmother sold her for Rs 5 lakh

पानीपत: पिता लापता हो गए, मां ने दो बेटियों व दो बेटों को छोड़ प्रेमी से प्रेम विवाह कर लिया। दादी पर दोनों पोतियां व पोता बोझ बन गया। उसने बड़ी पोती को 2017 में पांच लाख रुपये में शादी के नाम पर 40 वर्ष के व्यक्ति को बेचने की डील कर ली। छोटी बेटी को भी 500 रुपये में बेच दिया था। छोटा पोते भी संदिग्ध परिस्थितियों में लापता था। जब बड़ी पोती को खरीदार घर ले आने वाला था, उससे पहले ही बच्ची अपने छोटे भाई को यहां से लेकर भाग गई। दो दिन तक घर से दूर झाड़ियों में छुपी रही। जैसे तैसे कर सरपंच की मदद से बच्ची पुलिस के पास पहुंची और आपबीती सुनाई।
पुलिस ने आरोपित दादी को जेल भेजना चाहा तो इसी पोती ने उनकी उम्र का हवाला देकर उन्हें जेल से बचा लिया। महिला सरंक्षक अधिकारी ने उसकी छोटी बहन को भी पानीपत की गौसअली से एक मकान से रेस्क्यू कर लिया। दोनों बच्चियां राई बाल अनाथालय में रही। अब बड़ी बेटी 10 वीं पास कर चुकी है। छोटी आठवीं की छात्रा है। इनको महिला सरंक्षक एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता ने गोद लिया। वह अपने खर्च पर इन्हें पढ़ा रही है। बच्ची अपना बचपन याद कर अक्सर सिसक पड़ती है।
20 वर्षीय युवती ने बताया कि वह सेक्टर 29 पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक गांव की रहने वाली है। उसके पिता ट्रक चालक थे। 2017 में उसके पिता संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे। उसकी मां ने पानीपत में ही एक गांव में अपने प्रेमी से शादी कर ली। उनके सिर पर दादी का साया था लेकिन दादी उन्हें अपने ऊपर बोझ मानने लगी। उनके माध्यम से दादी पैसे कमाना चाहती थी। 2017 में दादी ने पहले उसके पांच वर्षीय छोटे भाई को किसी को बेच दिया। फिर छोटी बहन को पानीपत की गोसअली में एक परिवार को 500 रुपये में बेच दिया। उस वक्त उसकी आयु 12 वर्ष थी।
उसकी दादी ने एक 40 साल के व्यक्ति से उसका रिश्ता तय कर दिया। वह चार बच्चों का पिता था। उसकी पत्नी की मौत हो चुकी थी। दादी ने इसके लिए उससे पांच लाख रुपये लिए थे। जब उसने घर में इतनी बड़ी रकम देखी और उस व्यक्ति काे बार बार घर आते देखा तो वह समझ गई थी कि उसके साथ बुरा होने वाला है। वह शादी से दो दिन पहले अपने छोटे भाई को लेकर घर से भाग गई। वह गांव में झाड़ियों में छुपी रही । फिर वह सरपंच के घर पहुंची। सरपंच उसे पुलिस के पास लेकर गया। पुलिस ने उसे महिला एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता को सौंप दिया। उसको राई स्थित बाल अनाथालय में भेज दिया। तीनों ही बच्चों ने वहां अपनी प्राथमिक पढ़ाई की। अब बड़ी बच्ची की आयु 20 साल को हाे चुकी है। उसने दसवीं पास 83 प्रतिशत अंक से की है।
वह पढ़ लिखकर अनाथ बच्चों के लिए काम करना चाहती है
युवती कहती है कि वह पढ़ लिखकर अधिकारी बनना चाहती है। वह ऐसे बच्चों के लिए काम करना चाहती है जिनका दुनिया में कोई नहीं है। वह बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए काम करेगी। इंसान को किसी भी परिस्थिति में हार नहीं माननी चाहिए। भगवान किसी न किसी को जीवन में फरिश्ता बनाकर भेजता है। उनके जीवन में रजनी मैडम फरिश्ता बनकर आई है।
ऐसे बच्चों के लिए समाज को जरूर काम करना चाहिए: गुप्ता
उन्होंने युवती की मां को ढूंढ लिया था। बड़ी बच्ची की निशानदेही पर उन्होंने छोटी बच्ची को भी रेस्क्यू कर लिया था। उन्होंने इनकी मां से भी संपर्क किया था। उसकी मां ने कहा कि उनकी कोई बेटियां नहीं है। वह अपनी जिंदगी में खुश है। उसकी मां ने कहा कि अगर उसके पति को पता चल गया कि उसके बच्चे हैं तो उसकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। उसने बच्चों को रखने से इंकार कर दिया था।
बच्चियों पर दुखों का पहाड़ टूटा था। दादी ने भी अमानवीय व्यवहार किया। बच्चियों को बेचने तक की साजिश की। छोटे बच्चे का तो आज तक पता नहीं है। ऐसे बच्चों के लिए समाज को काम करना चाहिए। बच्ची सोनीपत के पीजी में रहकर 11वीं की पढ़ाई कर रही है।
रजनी गुप्ता, महिला सरंक्षक एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी।