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देखिये आगरा व गुरुग्राम नहर में रोजाना काफी टैंकर सीवर का पानी बगैर ट्रीट किया हुआ डाल रहे हैं

फरीदाबाद : आगरा व गुरुग्राम नहर में रोजाना काफी टैंकर सीवर का पानी बगैर ट्रीट किया हुआ डाल रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता की वजह से ऐसे टैंकर चालकों पर लगाम नहीं लग सकी है। अक्सर नहरपार की सोसायटियों से सीवर का पानी आगरा नहर में डालते हुए टैंकर देखे गए हैं। अब बल्लभगढ़-तिगांव मुख्य मार्ग, आगरा नहर पर बने पुराने पुल से टैंकर सीवर का पानी फेंकते हैं। इससे नहर का पानी दूषित होता है। टैंकर चालकों की इस करतूत की वजह से हजारों एकड़ जमीन में दूषित पानी पहुंच रहा है।

गौरतलब है कि लाखों किसानों के लिए जीवनदायनी आगरा व गुरुग्राम नहर में पानी दूषित होने का एक कारण टैंकर चालक भी हैं। नहरपार बसे हुए गांव में सीवर लाइन नहीं डाली गई है। इसलिए सभी ने सोख्ता गड्ढे बनवाए हुए हैं। अधिकतर गड्ढे अब नीचे से पक्के बनाए जाने लगे हैं जो समय-समय पर भर जाते हैं। टैंकर इन गड्ढों के गंदे पानी को भरकर गुरुग्राम व आगरा नहर में डालते हैं। इसके अलावा कुछ फैक्ट्रियों से भी केमिकलयुक्त पानी नहर में डाला जाता है। यही कारण है कि आगरा नहर का पानी काला रहता है। आगरा व राजस्थान तक जाती है नहरें

आगरा व गुरुग्राम नहर दिल्ली कालिदीकुंज के पास से यमुना नदी से निकलती हैं। इसके बाद पूरे फरीदाबाद का गंदा पानी इनमें मिलता रहता है। आगरा नहर तो आगरा तक जाते हुए रास्ते में हजारों एकड़ फसल की सिचाई करती है जबकि गुरुग्राम नहर अलवर, राजस्थान तक जाती है। ऐसे पानी से फसलों को नुकसान होता है। जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। यमुना नदी सहित नहरों में बगैर ट्रीट किया हुआ सीवर का पानी डालने को लेकर एनजीटी भी सख्त है। यह मामला गंभीर है। टैंकर चालकों को ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसे चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

-स्मिता कनोडिया, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

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