फरीदाबाद: 30 से 45 दिन के लिए बंद होगा बाईपास, जरा ध्यान दें वाहन चालक

फरीदाबाद: बाईपास पर बन रहे दिल्ली-वड़ोदरा- मुंबई एक्सप्रेस-वे का पहला एलिवेटेड पुल निर्माण बुधवार से शुरू हो जाएगा। बीपीटीपी पुल से बड़ौली पुल तक करीब दो किलोमीटर तक पिलरों के ऊपर गार्डर रखने का ट्रायल शुरू होगा। सफल होने पर अगले तीन दिन बाद बाईपास की दोनों लेन को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। 30 से 45 दिन तक बड़ौली पुल से लेकर बीपीटीपी पुल तक दोनों लेन बंद रहेंगी।
सबसे लंबा है एलिवेटेड पुल
सेक्टर-37 से लेकर सेक्टर-59 तक 26 किलोमीटर लंबे बाईपास पर एक्सप्रेस-वे का निर्माण चल रहा है। लगभग सभी चौराहों पर अंडरपास का काम चल रहा है। सभी जगह पिलर खड़े कर दिए गए हैं। बाईपास पर बीपीटीपी पुल से बड़ौली पुल तक एलिवेटेड पुल बनाया जा रहा है। इस दौरान बाईपास के एक ओर काफी निर्माण हैं। इन्हें बचाने के लिए एलिवेटेड पुल बनाया जा रहा है। विकल्प के तौर पर इन रास्तों का करें प्रयोग इतने दिन के लिए बाईपास की दोनों लेन बंद होने से हजारों वाहन चालकों की परेशानी बढ़ जाएगी। इस दौरान वाहन चालकों को ग्रेटर फरीदाबाद में आगरा नहर किनारे का¨लदीकुंज वाली सड़क का प्रयोग करना होगा। इस अवधि में वाहन चालक सेक्टर-2 की ओर से बड़ौली पुल तक आएंगे, यहां पुल से आगरा नहर किनारे बनी हुई सड़क का प्रयोग करेंगे और फिर बीपीटीपी पुल के माध्यम से बाईपास पर आ सकेंगे।
परेशानी यह रहेगी कि आगरा नहर किनारे सड़क केवल दो लेन है। अचानक इतने अधिक वाहनों का दबाव आने पर यहां जाम जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। दिन की बजाय रात को काम करने की मांग यातायात के मामले में शहर की लाइफ लाइन माने जाने वाले बाईपास के एक हिस्से को 30 से 45 दिन के लिए बंद करना वाहन चालकों के लिए काफी परेशानी पैदा करेगा। कन्फेडरेशन आफ आरडब्ल्यूए के महासचिव एएस गुलाटी और वाइस चेयरमैन गजराज नागर के अनुसार कंस्ट्रक्शन कंपनी को रातभर काम करना चाहिए और दिन में बाईपास खोल देनी चाहिए। इससे यातायात व्यवस्था भी नहीं चरमराएगी। यदि इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो वाहन चालकों को भारी परेशानी उठानी पड़ेगी।
बाईपास के वाहनों का दबाव राष्ट्रीय राजमार्ग और कालिंदीकुंज वाली सड़क पर आ जाएगा। पिलरों पर गार्डर रखने का काम तेजी से पूरा किया जाएगा। बुधवार को ट्रायल सफल होने के अगले तीन दिन बाद इस हिस्से को बंद कर देंगे। वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए यह जरूरी है। गार्डर बहुत लंबे हैं और क्रेन की मदद से पिलरों के ऊपर रखे जाएंगे।
-हर्ष कौशिक, प्रबंधक, कंस्ट्रक्शन कंपनी, एक्सप्रेस-वे
source news: jagran