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ये वजह इंसानी शरीर को बना रही अपना शिकार, दुनिया में तेजी से क्यों बढ़ रहा है मोटापा?

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Plastic pollution is becoming the reason of obesity: वैश्विक मोटापा वर्ष 1975 के मुकाबले तीन गुना बढ़ चुका है, लिहाजा अब मोटापा भी महामारी में तब्दील हो चुका है. दुनिया में 4 करोड़ से अधिक बच्चे मोटापे और अधिक वजन बढ़ने से परेशान हैं. इतना ही नहीं बल्कि 200 करोड़ एडल्ट्स भी अधिक वजन या फिर ओवरवेट होने की वजह से परेशान हैं. ये जानकारी हाल ही में ग्लोबल रिसर्च में सामने आई है.

आने वाली पीढ़ियां भी झेलेंगी इसका असर

स्वास्थ्य, शिक्षा और चिकित्सा जगत ने अभी तक “obeseogenes” नाम के टॉक्सिक पदार्थ को स्वीकार नहीं किया है, मगर हाल ही में हुई रिसर्च में सामने आया है कि वजन को नियंत्रित करने के तरीके को obeseogenes प्रभावित करता है. वैज्ञानिकों का ऐसा कहना है कि परेशान करने वाली बात ये है कि वजन बढ़ाने वाले कुछ केमिकल प्रभाव जीन के काम करने के तरीके को बदल सकते हैं और वंशानुगत बन सकते है. जिससे आने वाली पीढ़ियों को भी इसका असर झेलना पड़ सकता है और ये असर बढ़ भी सकता है.

प्लास्टिक प्रदूषण से बढ़ रहा है मोटापा

शोधकर्ताओं के मुताबिक बढ़ते मोटापे के रूप में बताए गए प्रदूषकों में बिसफेनॉल A (BPA) शामिल है, जो ज्यादातर प्लास्टिक में पाई जाती है. ये हमारी जीन पर असर डालता है और हमें ज्यादा खाने के लिए मजबूर कर देता है. ओबेसोजेनिक प्रतिमान उस पर ध्यान केंद्रित कर के ये डाटा प्रदान करता है, जो ये बताता है कि ये केमिकल प्रदूषण के कारण दुनिया भर के देश में लोगों के बीच मोटापा तेजी से बढ़ रहा है.

 

वंशानुगत होती जा रही है बीमारी

रिसर्चर्स का ये भी कहना है कि कीटनाशक DDT का दुष्प्रभाव उस समय की महिलाओं में मोटापे के रूप में देखा गया. पर अब जब DDT बैन हो गया तो उन्हीं महिलाओं की नाती और पोतियों के अंदर मोटापे का इनडायरेक्ट कारण DDT ही पाया गया है.

 

source news: zeenews

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