मलेरना सरकारी स्कूल के प्रांगण में जनहित सेवा संस्था फरीदाबाद के सौजन्य से पौधरोपण किया गया
फरीदाबाद : सामाजिक संस्था जनहित सेवा संस्था फरीदाबाद के सौजन्य से राजकीय माध्यमिक विद्यालय मलेरना के प्रांगण में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉक्टर सतीश चंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य पूर्व हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ के प्राचार्य को विद्यालय के मुख्याध्यापक समर देशवाल, संस्था के अध्यक्ष संत सिंह हुड्डा सहित सभी अध्यापकों एवं संस्था के पदाधिकारियों ने पौधा भेंटकर कर अभिनंदन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉक्टर सतीश चंद शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहां की विद्यार्थी देश का भविष्य है। पढ़ाई के साथ- साथ संस्कारवान होना भी अति आवश्यक है। अध्यापकों व मां-बाप को बच्चों को अच्छे संस्कार देना अति आवश्यक है। आज के दौर में समय दान भी अति आवश्यक है। वृक्ष हमारे जीवन का आधार है। वृक्ष हमें शुद्ध वायु एवं फल, छाया देते हैं। वृक्ष परोपकारी होते हैं वह सभी को एक समान शुद्ध वायु फल व छाया देते हैं। वृक्षों से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए।
पर्यावरण को संरक्षण करने के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण व उनकी परवरिश करना अति आवश्यक है। पौधे धरती का आभूषण है। पौधों से बरसात होती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विद्यालय के मुख्याध्यापक समर देशवाल ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए कहा की कम से कम अपने जन्मदिवस पर प्रत्येक व्यक्ति को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए व उसकी देखभाल करनी चाहिए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के द्वारा सभी विद्यार्थियों को अपने जन्मदिवस पर पौधरोपण के लिए संकल्प दिलाया गया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष संत सिंह हुड्डा ने कहा कि वृक्षों के बगैर हमारा जीवन अधूरा है। पेड़ है तो कल है। आज पौधरोपण कार्यक्रम में बरगद ,पीपल, बेल, कदम, चंपा के पौधे रोपे गए। आगे भी लगातार पौधरोपण अभियान चलता रहेगा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुख्य अतिथि डॉक्टर सतीश चंद शर्मा, मुख्य अध्यापक समर देशवाल, संस्था के अध्यक्ष संत सिंह हुड्डा, महासचिव सुभाष गहलोत, समाजसेवी रामकिशन फौजी, मास्टर कृष्ण कुमार, मैडम अंजू बाला, मास्टर संजय शर्मा, मास्टर राकेश कुमार, मैडम मनजीता रानी , कोषाध्यक्ष लोकेश शास्त्री , सचिव देवी चरण वैष्णव, बबलू छाबड़ा एवं स्कूल प्रबंधन कमेटी का विशेष सहयोग रहा। इस मौके पर गांव के गणमान्य व्यक्ति व विद्यालय के समस्त अध्यापक गण एवं संस्था के पदाधिकारी विशेष रूप से मौजूद थे।