आरामदायक जीवन शैली है,जोड़ों के दर्द की जड़ : डॉ आशीष मौर्य
आजकल बदलती जीवन शैली उचित मानक खाद्य पदार्थों का चयन ना होने , आरामदायक जीवन शैली के चलते ,विभिन्न तरह की बीमारियां हमारे शरीर को अपने आगोश में ले लेती हैं, नतीजा बीपी, शुगर जोड़ों का दर्द, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, मानसिक बीमारी, कैंसर के साथ विभिन्न घातक बीमारियां होती हैं, आरामदायक जीवनशैली जोड़ों में दर्द की समस्या उत्पन्न कर रही है।ऐसे में आवश्यकता है अपनी दिनचर्या में बदलाव करने की। नियमित योग और अन्य फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाना चाहिए, उपर्युक्त विषय पर चर्चा करते हुए लाइफ़स्टाइल डिजीज एक्सपर्ट डॉ आशीष मौर्य ने जानकारी दी, वर्तमान में हमारे खानपान में तेजी से बदलाव आया है। आमतौर पर जोड़ों के दर्द की समस्या 40 साल से ऊपर के लोगों में देखने को मिलती है। लेकिन अब युवाओं में भी यह बीमारी होने लगी है। वर्तमान में लोग जंक फूड का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे जोड़ों एवं अन्य हड्डियों में समस्या बढ़ गई है। युवाओं से लेकर बूढ़ों तक में जोड़ों के दर्द की बीमारी देखने को मिल रही है। लोगों को कैल्शियम युक्त आहार लेना चाहिए। जिससे हड्डियां मजबूत बनी रहे। डॉक्टर मौर्य ने बताया जोड़ों के दर्द से निजात पाने के लिए शरीर के वजन को स्थिर रखना है। उन्होंने बताया कि वजन को स्थिर रखकर हम अपने जोड़ों के दर्द जैसी समस्या से निजात पा सकते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी इस जिंदगी में हमारा लाइफ स्टाइल बहुत बदल चुका है। इससे हमारे शरीर की हड्डियां बेहद कमजोर पड़ने लगी हैं। जिन लोगों को जोड़ों में दर्द आदि की समस्याएं हैं वे पालथी मारकर न बैठें। साथ ही अपने वजन को नियंत्रित रखें। ज्यादा परेशानी होने पर कुशल एवं योग्य चिकित्सक से संपर्क करें।
– घुटने में सूजन
– घुटने के अंदर की तरफ तेजी से दर्द होना।
– सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होना।
– पालथी मारकर और उखड़ियो बैठने में दिक्कत होने लगती।
– जमीन पर बैठकर उठने के बाद दर्द होता है।
दिनचर्या में बदलाव करते हुए बचाव के निम्नलिखित उपाय हैं
– प्रतिदिन व्यायाम करें।
-फास्ट फूड का सेवन न करें।
-शरीर के वजन को स्थिर रखें।
– दैनिक भोजन में पौष्टिक आहार को शामिल करें।
– आयरन व कैल्यिशम का प्रचुर मात्रा में लें।
– पालथी मारकर और उखड़ियो न बैठें।
नियमित दिनचर्या व खानपान मैं उचित मानक पदार्थों का चयन जरूरी है