फरीदाबाद: अवैध आहतों पर छलक रहे जाम स्मार्ट सिटी के
-पुलिस के नाक के नीचे ठेकों के बाहर दुकान लगाकर पिलाए जा रहे शराब
-शहर में 237 में से 18 शराब ठेका संचालकों को है आहता की अनुमति
-बावजूद जगह-जगह खुले हैं अवैध आहते, ठेकों के पास टीन शेड में पिलाए जा रहे हैं शराब
-आहते के लिए ठेका फीस का दो फीसदी देना पड़ता है शुल्क
-मोटी रकम लगने के चलते ठेका संचालक नहीं खोलते आहते
फरीदाबाद: स्मार्ट सिटी में सभी शराब ठेकेदारों के पास आहते नहीं है। लेकिन अधिकांश शराब ठेके पास शाम होते ही जाम छलकने लगते हैं। आसपास टीन शेड में बने अवैध आहते में लोग खुलेआम शराब पीते नजर आते हैं। उन्हें संचालकों व कर्मचारियों खाना-पान का सामान परोसा जाता है। स्थानीय लेागों का आरोप है कि इससे न केवल सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। बल्कि शराब पीकर वाहन चलाने से हादसों की आशंका भी बढ़ रही है।
जानकारी के अनुसार जिले में शराब ठेकों के करीब 60 से अधिक जोन निर्धारित हैं। इन जोन में करीब 237 शराब के ठेके हैं। इनमें से केवल 18 ठेका संचालकों के पास ही आहते का लाइंसेंस लिया है। बावजूद अधिकांश ठेके के बाहर व आसपास शराब पिलाए जाते हैं। शाम होते ही अधिकांश ठेकों के आसपास लोगों की भीड़ रहती है। लोग ठेका से शराब खरीदकर उसे पीने के लिए टीन शेड में बने अहाते चले जाते हैं। वहां कार्यरत कर्मचारी लोगों को पैसे लेकर शराब पीने का हर सामान मुहैया कराते हैं। इससे आसपास के क्षेत्रों में मारपीट, हादशों की आशंका बनी रहती है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस सबकुछ जानते हुए अवैध आहता संचालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती।
इसलिए नहीं लेते लाइंसेंस
जानकारी के अनुसार पुराने आबकारी नीति के अनुसार एक जोन में चार के आसपास ठेके होते थे। हर जोन में एक अहाते खोलने का प्रावधान था। लेकिन अब नई आबकारी नीति के अनुसार दो ठेकों पर एक आहता खोला जा सकता है। ठेका संचालक को आहते के लिए ठेके का फिक्स प्राइस में से दो फीसदी फीस अहाते के लाइंसेंस के लिए जमा कराना होता है। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा विभाग, दमकल विभाग आदि से एनओसी भी लेनी पड़ती है। ऐसे में फरीदाबाद में ज्यादातर ठेका संचालक अहाते खोलने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। मोटी रकम व विभिन्न विभागों से एनओसी लेने से बचने के लिए वह खुले में शराब पिलाने को मुनासिब समझते हैं।
हाईवे पर यहां-यहां टकराते हैं जाम
ओल्ड फरीदाबाद से लेकर बदरपुर बार्डर व बाइपास के सेहतपुर तक करीब 9 ठेका है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक या दो ठेका संचालक के पास आहते का लाइंसेंस है। लेकिन शाम होते ही अधिकांश ठेकों के आसपास लोगों की भीड़ जुटी रहती है। रेहड़ी-पटरी पर खुले में जमकर शराब पिया जा रहा है। स्थानीय लोगों का यह भी आरोप है कि कई बार तो वहां से पुलिस की पीसीआर आदि भी निकलती है। लेकिन वह देखकर आंख मूंद ले रही है।
——–
स्थानीय पुलिस को करनी चाहिए कार्रवाई
सीएम फ्लाइंग के एक अधिकारी ने बताया कि स्ट्रीट ड्रिंकिंग को रोकने का काम स्थानीय पुलिस का है। इसके रोकने से पुलिस की छवि भी काफी सुधर सकती है। इससे शराब पीकर वाहन चलाने से होने वाले हादसों में भी काफी कमीं आएगी। लेकिन स्थानीय पुलिस ऐसा नहीं कर रही है। इससे स्ट्रीट ड्रिंकिंग की समस्या बढ़ रही है।
——–
शिकायत मिलने पर हम तुरंत कार्रवाई करते हैं। स्थानीय पुलिस व आबकारी विभाग के साथ संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई करते हैं। शिकायत मिलने पर अवैध आहते संचालकों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
-राजेश चेची, डीएसपी, सीएम फ्लाइंग।