Success Story: पढ़ें सफलता की कहानी, होटल में वेटर का काम करने वाला शख्स बना IAS अफसर
Success Story: Read the success story, a person working as a waiter in a hotel became an IAS officer
Success Story: यूपीएससी को देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको ऐसे अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने वेटर से आईएएस तक का सफर तय किया। यहां पढ़िए एक ऐसे ही ऑफिसर की सफलता की कहानी, जिन्हें कामयाबी की राह में हर कदम पर चुनौतियों का सामना करना पड़ा। आईएएस के जयगणेश को पढ़ाई के लिए अपना घर छोड़कर कभी सिनेमा हॉल में नौकरी तो कभी होटल में वेटर का काम करना पड़ा। कौन हैं आईएएस के जयगणेश? यहां जानिए।
आएएस के जयगणेश की सफलता की कहानी।
खराब परिस्थितियां होने के बावजूद उन्होंने आईएएस बनने का सपना देखा और परीक्षा की तैयारी जारी रखी। आखिरकार सफलता का स्वाद चखा और आईएएस अधिकारी बनकर ही दम लिया। उनकी आर्थिक पृष्ठभूमि अच्छी नहीं थी क्योंकि उनके पिता एक कारखाने में कर्मचारी थे। जयगणेश को अपनी यूपीएससी यात्रा के दौरान कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। तमिलनाडु के रहने वाले जयगणेश ने अपनी पढ़ाई गांव में ही पूरी की। इसके बाद उन्हें एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला मिल गया। फिर उन्होंने थांथी पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उनके मुताबिक एक अच्छी नौकरी पाने के लिए इन दो डिग्रियों को पूरा करना ही पर्याप्त नहीं था। चार भाई-बहनों में परिवार के सबसे बड़े बेटे पर परिवार की जिम्मेदारियां भी थी। जयगणेश ने तीन असफल प्रयासों के बाद चेन्नई के एक सरकारी संस्थान में एडमिशन लेकर यूपीएससी की तैयारी की।
वेटर का काम भी किया
घर से बाहर रहने के कारण जयगणेश के खर्च भी बढ़ें, इसलिए उन्होंने एक सिनेमा हॉल में काम तलाश लिया। इतना ही नहीं उन्होंने वेटर का भी काम किया। नौकरी करने से उनकी तैयारी में रुकावट भी आई और उन्हें फिर असफलता मिली।
7वें प्रयास में क्रैक किया UPSC
के जयगणेश ने 2008 में ऑल इंडिया रैंक 156 के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की और आईएएस बन गए, लेकिन इससे पहले वह छह बार असफल हुए थे। उन्होंने अपने आखिरी और 7वें प्रयास में यूपीएससी पास कर लिया। के जयगणेश ने सिविल सेवा परीक्षा के 6 अटैम्प्ट में मिली लगातार असफलताओं के बावजूद भी कभी हौसला नहीं टूटने दिया। अपने आखिरी प्रयास में उन्होंने पिछली सभी कमियों को दूर करते हुए पूरी दृढ़ता और समर्पण के साथ खुद को झोंक दिया। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई। जानकारी के मुताबिक अपने अंतिम प्रयास की तैयारी के दौरान के जयगणेश को इंटेलिजेंस ब्यूरो के लिए भी चुना गया था। उस समय उनके लिए तय करना मुश्किल था कि फिर यूपीएससी परीक्षा देनी है या अवसर का लाभ उठाकर आईबी में शामिल होना है, लेकिन उन्होंने यूपीएससी परीक्षा दी और 2008 में इसे पास कर लिया।
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