ईडी की नई चाल से बढ़ी टेंशन, फिर फंसे अरविंद केजरीवाल? जेल जाने की उलटी गिनती या मिलेगी बेल!
Tension increased due to ED's new move, Arvind Kejriwal trapped again? Countdown to going to jail or will he get bail!

दिल्ली हाईकोर्ट आज (सोमवार को) प्रवर्तन निदेशालय (ED) की उस याचिका पर सुनवाई कर सकता है, जिसमें AAP संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक्साइज पॉलिसी केस में दी गई जमानत को चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी ताकि वे लोकसभा चुनाव में प्रचार कर सकें. इससे पहले ED की विशेष अदालत ने केजरीवाल को नियमित जमानत दी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उस आदेश पर रोक लगा दी थी.
सोमवार को यह मामला जस्टिस रविंदर दुजेदा की अदालत में सुना जाएगा. 17 जनवरी को केजरीवाल के वकील ने ED की याचिका का विरोध करते हुए अदालत से कार्यवाही पर रोक लगाने की अपील की थी. ED की ओर से सीनियर वकील जोहेब हुसैन ने सुनवाई स्थगित करने की मांग की थी, क्योंकि अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू, जो ED की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में भी पेश होते हैं, उपलब्ध नहीं थे. केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने इस स्थगन का विरोध किया और कहा कि ED लगातार जुलाई 2024 से मामले में टाल-मटोल कर रही है.
निचली अदालत ने बेल पर लगाई रोक?
केजरीवाल की गिरफ्तारी 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुई थी, जो अब रद्द हो चुकी शराब नीति से जुड़ा है. बाद में, 26 जून को एक भ्रष्टाचार मामले में भी उन्हें गिरफ्तार किया गया. ED ने 20 जून 2024 को निचली अदालत द्वारा केजरीवाल को दी गई जमानत रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी. इसके बाद 25 जून 2024 को हाई कोर्ट ने निचली अदालत के जमानत आदेश पर रोक लगा दी थी. 9 जुलाई को दाखिल अपने हलफनामे में केजरीवाल ने हाई कोर्ट को बताया कि उनकी गिरफ्तारी एक ‘झूठी और मनगढ़ंत कहानी’ के आधार पर की गई है और ED के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई 2024 को उन्हें अंतरिम जमानत दे दी थी.
क्या है केस?
यह केस 2021 की शराब नीति से जुड़ा है, जिसे 2022 में रद्द कर दिया गया था. CBI और ED का आरोप है कि इस नीति में घूस और भ्रष्टाचार के जरिए खास कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया. CBI का दावा है कि नीति में बदलाव कर पसंदीदा कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया l
NEWS SOURCE Credit : news18