हाईकोर्ट ने पुलिस नोटिस पर 14 जुलाई तक लगाई रोक, रवीना टंडन, फराह खान और भारती सिंह को बड़ी राहत, क्या है मामला?
High Court stays police notice till July 14, big relief to Raveena Tandon, Farah Khan and Bharti Singh, what is the matter?

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन, फिल्म निर्माता फराह खान और कॉमेडियन भारती सिंह को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ जारी पुलिस नोटिसों पर 14 जुलाई 2025 तक रोक लगा दी है। इन तीनों कलाकारों पर एक शो के दौरान ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है।मामला वर्ष 2019 का है, जब फराह खान ने “बैकबेंचर्स” नामक एक शो होस्ट किया था। इस शो में सेलिब्रिटीज को आमंत्रित कर उनकी सामान्य ज्ञान की परीक्षा ली जाती थी।शिकायतकर्ता के अनुसार, इस शो में आरोपितों ने “हलेलुजाह” शब्द की तुलना एक अभद्र शब्द से करते हुए ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई थी। इसके चलते वर्ष 2020 में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी
सोमवार को जस्टिस मनीषा बत्रा की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को बताया कि संबंधित अधिकारियों द्वारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 35 के तहत नोटिस जारी कर उन्हें जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। इस पर कोर्ट ने आदेश दिया कि अगली सुनवाई 14 जुलाई 2025 तक पुलिस की ओर से याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि जिस कार्यक्रम के आधार पर यह प्राथमिकी दर्ज की गई है, उसका उद्देश्य किसी धर्म या समुदाय का अपमान करना नहीं था। उन्होंने कहा कि शो पूरी तरह से मनोरंजन के उद्देश्य से आयोजित किया गया था और यह एक नॉन-फिक्शन क्विज शो था, जिसमें ईसाई धर्म या उससे संबंधित विषयों पर कोई चर्चा नहीं की गई थी।https://www.faridabadnews24.com/63444/
प्राथमिकी को निरस्त किया जाना चाहिए
याची ने जोर देकर कहा कि किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए आवश्यक है कि वह कार्य जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण मंशा से किया गया हो। इस मामले में ऐसा कोई उद्देश्य नहीं था, इसलिए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाना चाहिए। यह भी उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में हाई कोर्ट ने पहले ही राज्य सरकार को आदेश दिया था कि याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध कोई दमनात्मक कार्रवाई नहीं की जाए।
NEWS SOURCE Credit : jagran
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