हर रोज गुजरते हैं आप, पर नहीं जानते यह सच, दिल्ली में है 400 पुराना पुल, जिसके ऊपर है एलेवेटेड रोड
नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली से दक्षिणी दिल्ली जाने के लिए ज्यादातर लोग बारापुला एलेवेटेड रोड का इस्तेमाल करते हैं और कुछ ही मिनट में सराय काले खां से एम्स पहुंचकर अपने गंतव्य की ओर चले जाते हैं. इस रोड में बीच में कोई रुकावट नहीं आती है और समय की भी बचाती है, इसलिए वाहन चालकों की पसंदीदा है, लेकिन आपको पता है कि जिस एलेवेटेडर रोड से आप रोज गुजरते हैं, उसके नीचे 400 साल पुराना मुगलकालीन पुल बना है, जो आज भी मौजूद है. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पास है और इसका जीर्णोद्धार कराया जा रहा है. आइए जानते हैं यह कहां पर है?
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जंगपुरा से निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन की ओर जाते समय बारापुला एलेवेटेड रोड के नीचे यह पुल पड़ेगा. हालांकि इस पुल आना जाना बंद है, साथ में पीडब्ल्यूडी का पुल बना है, जो जंगपुरा से स्टेशन की ओर आने-जाने के लिए उपयोग में आता है. इसके ठीक बगल में बारापुला पुल है.
इसलिए चर्चा में आया बारापुला
पुल के नीचे नाला जाता है, पिछले दिनों नाले का पानी पुल के ऊपर आ गया और आसपास के इलाकों में भर गया. इसके बाद दिल्ली के उपराज्यपाल स्वयं मौके पर गए और निरीक्षण किया. साथ ही, तत्काल सफाई के लिए सिंचाई विभाग को आदेश दिया. पिछले करीब एक माह से इसकी सफाई का काम चल रहा है.
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आपकी नजर न पड़ने का कारण
पीडब्ल्यूडी के जिस पुल से मौजूदा समय आवागमन होता है, वह ऊंचा है और बारापुला नीचा है. इस पर आसपास के लोगों ने अतिक्रमण रखा था. एक ओर एंट्री प्वाइंट में लोगों ने पक्का निर्माण तक कर रखा था, जिसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने हटवा दिया है. इस वजह से आपकी नजर नहीं पड़ती थी. पुल के दोनों ओर तीन-तीन मीटर में बने अवैध निर्माण को हटा दिया गया है.
बारापुला का इतिहास
इतिहासकारों के अनुसार पुल का निर्माण मुगल बादशाह जहांगीर के कार्यकाल 1612 से 13 के बीच किया गया है, जबकि एसआई की किताब के अनुसार 1621-22 के मध्य इसका निर्माण हुआ है. बादशाह ने इस पुल का निर्माण हुमायूं का मकबरा और निजामुद्दीन दरगाह और आगरा की ओर जाने आने के लिए कराया था.
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एएसआई पुराना स्वरूप वापस लाएगा
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बारापुल को पुराने स्वरूप में वापस लाया जाएगा. नाले साफ होने के बाद एएसआई मरम्मत का काम शुरू कराएगा. दोनों और गेट लगाए जा रहे हैं, एक ओर लग चुका है और दूसरी ओर जल्द लग जाएगा, जिससे लोग इसे आम रास्ते की तरह इस्तेमाल न करें. पुल के ऊपर दो फुट तारकोल और गिट्टी की पर्त चढ़ी है. इसे हटाया जाएगा. जिससे पत्थरों का वास्वितक पुल दिखेगा. इसके जीर्णोद्धार का काम तीन से चार माह में हो जाएगा l
NEWS SOURCE Credit : news18